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किसानों ने जानी बूंद-बूंद की कीमत तो शीर्ष स्थान पर पहुंचे हम

सूक्ष्म सिंचाई तकनी: उद्यान विभाग के प्रयास से सरकारी योजना जमीनी स्तर पर पहुंची तो निकले चौंकाने वाले नतीजे

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किसानों ने जानी बूंद-बूंद की कीमत तो शीर्ष स्थान पर पहुंचे हम

किसानों ने जानी बूंद-बूंद की कीमत तो शीर्ष स्थान पर पहुंचे हम


ओमप्रकाश शर्मा
जयपुर. पारम्परिक तरीके से सिंचाई राजस्थान जैसे प्रदेश में अधिकांश पानी व्यर्थ बहाने जैसी साबित हो रही है। इस तरीके में किसान 25 से 40 प्रतिशत जल का ही उपयोग कर पाते हैं। ऐसे में प्रदेश में अब कम पानी में अधिक पैदावार पाने के लिए सूक्ष्म सिंचाई तकनीक का उपयोग होने लगा है। उद्यान विभाग के प्रयास से सरकारी योजना जमीनी स्तर पर पहुंची तो इस वर्ष चौंकाने वाले नतीजे सामने आए।
सूक्ष्म सिंचाई तकनीक के उपयोग में प्रदेश ने देश में वर्ष 2022-23 में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है।
पांच साल पहले प्रदेश पांचवे स्थान पर था। विशेषज्ञों के अनुसार फसल की आवश्यकता कम से कम पानी में पूरा करने के लिए सूक्ष्म सिंचाई योजना कारगर है। धोरे के माध्यम से जहां पानी की उपयोगिता 25 से 40 प्रतिशत ही रहती है, वहीं फव्वारे से सिंचाई में करीब 70 प्रतिशत तथा ड्रिप इरिगेशन (बूंद-बूंद सिंचाई) में यह 90 से 95 प्रतिशत रहती है।

अभी बहुत काम बाकी... सूक्ष्म सिंचाई तकनीक को लेकर प्रदेश में अभी बहुत काम करने की आवश्यकता है। इसका रुझान है, पर सिंचित क्षेत्र के मुकाबले यह कम है। प्रदेश में सिंचित क्षेत्र 80 लाख हेक्टेयर है। वहीं अभी तक सूक्ष्म सिंचाई तकनीक मात्र 17 हेक्टेयर में ही हो रही है।
औसतन प्रतिदिन 258 आवेदन
गत वर्ष पेश कृषि बजट के ग्यारह मिशन में से सूक्ष्म सिंचाई तकनीक को पहले स्थान पर रखा गया। तीन वर्ष में चार लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सूक्ष्म सिंचाई के उपयोग का लक्ष्य रखा गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जुलाई 2022 में रिव्यू बैठक ली। उद्यान विभाग ने अगस्त और सितम्बर में अभियान चलाया। इसके तहत 1.71 लाख किसानों ने दो लाख 13 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में तकनीक अपनाने के लिए आवेदन किया है। इन दिनों औसतन रोज 258 आवेदन आ रहे हैं।

किसान दिखा रहे रुचि
&कम पानी में ज्यादा उपज प्राप्त करने के लिए प्रदेश के किसानों के लिए यह कारगर उपाय है। जागरुकता के साथ किसान में इसमें रुचि दिखा रहे हैं। चेतन देवड़ा, आयुक्त हॉर्टिकल्चर
पानी की कम जरूरत
&जिस तरह भूजल स्तर लगातार गिर रहा है, हमारे पास ड्रिप सिंचाई ही एक मात्र उपाय है। मैं पूरी तरह से ड्रिप और फव्वारे से सिंचाई कर रहा हूं। इससे पानी की जरूरत कम रहती है। नारायण लाल, देवला, बोराज रोड

देश में टॉप पर प्रदेश
राजस्थान 72,163
गुजरात 50,953
महाराष्ट्र 35,057
उत्तरप्रदेश 26,990
हरियाणा 25,599
(सूक्ष्म सिंचाई का उपयोग वर्ष 2022 में हेक्टेयर क्षेत्र में)