
farmer protest
जयपुर। संपूर्ण कर्जमाफी की मांग को लेकर राज्यभर से जयपुर कूच के लिए चले किसानों के जत्थे को जयपुर जिले की सीमा में प्रवेश करने के बाद पुलिस कार्रवाई का सामना करना पड़ा।
किसान नेता अमराराम के नेतृत्व में चल रहा पैदल जत्था आज जैसे ही जालसू और किसान नेता पेमाराम के नेतृत्व में चल रहा जत्था चौंमू क्षेत्र में पहुंचा तो पुलिस ने दोपहर को दोनों किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया। रैली का नेतृत्व कर रहे कई किसान नेताओं को पुलिस की गाड़ी में बैठा कर थाने लाया गया। वहीं अन्य किसानों को पुलिस वैन में बैठा कर भारी पुलिस बल के साथ के साथ चौमूं से बाहर निकाला गया। मौके पर एडिशनल डीसीपी रतन कुमार सिंह, हरमाडा, चौमूं और विश्वकर्मा थाने का पुलिस जाप्ता मौजूद रहे।
गिरफ्तारी से पहले अखिल भारतीय किसान सभा के दोनों नेताओं ने गांवों में सभा की और राज्य की भाजपा कांग्रेस के साथ ही केन्द्र की यूपीए और एनडीए सरकार को आड़े हाथों ले रहे हैं।
सभा ने साफ किया कि इस बार किसान संपूर्ण कर्जमाफी समेत अन्य मांगों के लिए पिछले साल सरकार के मंत्रीमंडलीय समूह के साथ हुए लिखित समझौते को लागू करवाकर ही वापस लौटेंगे।
किसान सभा का कहना है कि कर्जमाफी कोई भीख नहीं है बल्कि किसानों का हक है। अगर इसके लिए अगर किसानों को कुर्बानी भी देनी पड़ी तो वे पीछे नहीं हटेंगे। आपको बता दें कि अपनी ग्यारह सूत्रीय मांगों को लेकर किसानों के जत्थे सीकर, झुन्झुनू, नागौर और कोटा से जयपुर कूच के लिए रवाना हुए हैं।
किसान सभा ने 22 फरवरी को जयपुर में विधानसभा घेराव का आहृवान किया है। पिछले साल भी किसान सभा ने सितंबर में आंदोलन किया था। इस आंदोलन के बाद सरकार के मंत्रीमंडलीय समूह से किसान सभा का समझौता हुआ था। किसान इस समझौते को लागू नहीं किए जाने से नाराज हैं और जयपुर कूच के लिए बढ़ रहे हैं।
Updated on:
20 Feb 2018 08:59 pm
Published on:
20 Feb 2018 04:29 pm
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