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Fatehpur Sikri में Akbar ने कराई थी Fresco Painting

लुप्त होने के कगार पर प्रसिद्ध फेस्को आर्ट को फिर जीवित करने में जुटे भवानी शंकर शर्मा। युवाओं को जागरूक करने के लिए शुरू करेंगे वर्कशॉप।  

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Fatehpur Sikri में Akbar ने कराई थी Fresco Painting

Fatehpur Sikri में Akbar ने कराई थी Fresco Painting

स्थानीय भाषा में 'आला-गीला नाम से प्रसिद्ध फ्रेस्को आर्ट ( Fresco Painting ) का सौंदर्य लुप्त होने के कगार है। कारण, इसे बनाने वाले कलाकार राजस्थान में गिनती के भी नहीं है। अब इस कला को फिर से जीवित करने के लिए वरिष्ठ कलाकार भवानी शंकर शर्मा प्रयास कर रहे है। राजस्थान ललित कला अकादमी के पूर्व अध्यक्ष भवानी शंकर ने 74 साल की उम्र में अपने घर पर 11 घंटे तक लगातार खड़े होकर 6 गुना 9 आकार में जयपुर फ्रेस्को आर्ट बनाया है। इसमें उन्होंने ग्रामीण मेले को दर्शाया है।

सप्ताह में तीन दिन प्रशिक्षण
वरिष्ठ कलाकार भवानी शंकर का कहना है कि अब शहर में कला संस्थानों में वर्कशॉप की जाएगी। वहीं, राजस्थान कैनवास स्टूडियो के बैनर तले हर सप्ताह सोमवार से बुधवार तक प्रशिक्षण देंगे। उनका कहना है कि जयपुर फ्रेस्को इटैलियन फ्रेस्को के सरफेस से एक स्टेप आगे है।

फ्रेस्को आर्ट को भारत लाए थे अकबर

कलाकार शर्मा का कहना है कि इस इटैलियन आर्ट को भारत में सबसे पहले अकबर ( Akbar ) ने शुरू कराया था। उन्होंने फतेहपुरी सीकरी ( fatehpur sikri ) में इटली के कलाकार बुलाए, उनके साथ राजस्थान के मिस्त्रियों को भी जोड़ा। शेखावटी की दीवारों पर चित्रकारी की गई है, जो आज भी मूल स्वरूप में है। इसके बाद धीरे-धीरे यह आर्ट बढ़ता गया। इसको आला-गीला और जयपुरी आराइश के नाम से भी कहा जाता है। वर्तमान में इसकी स्थिति ठीक नहीं है। इसलिए मैंने फिर से आर्ट को युवाओं के बीच बढ़ाने का एक प्रयास किया है। उन्होंने बताया कि उनके पिता देवकीनंदन शर्मा ने वर्ष 1953 में भी वर्कशॉप शुरु की थी।