भागली सिंधलान निवासी सूखी कंवर ने भामाशाह कार्ड बनवाने के लिए परिवार के सभी लोगों की जानकारी कंप्यूटर पर दर्ज करवाई। जिसके बाद उसे उसकी रसीद भी दी गई। इस रसीद में परिवार के सभी सदस्यों के नाम और उम्र सही सही दर्शाए गए हैं, लेकिन जब उनके पास जयपुर से भामाशाह कार्ड बनकर पहुंचा तो उन्हें काफी हैरानी हुई।