दो रुपए के लिए फिर लगाई आरटीआइ
सुजीत की शिकायत थी कि आइआरसीटीसी ने सर्विस टैक्स के रूप में 35 रुपए काटे, लेकिन उन्हें 35 के बजाय 33 रुपए लौटाए। दो रुपए का रिफंड पाने के लिए उन्होंने फिर संघर्ष शुरू किया। उन्होंने जुलाई 2019 में एक और आरटीआइ लगाकर दो रुपए का रिफंड मांगा। वह हर दो महीने में आरटीआइ के माध्यम से रिफंड की स्थिति की जानकारी लेते रहे।
सुजीत की शिकायत थी कि आइआरसीटीसी ने सर्विस टैक्स के रूप में 35 रुपए काटे, लेकिन उन्हें 35 के बजाय 33 रुपए लौटाए। दो रुपए का रिफंड पाने के लिए उन्होंने फिर संघर्ष शुरू किया। उन्होंने जुलाई 2019 में एक और आरटीआइ लगाकर दो रुपए का रिफंड मांगा। वह हर दो महीने में आरटीआइ के माध्यम से रिफंड की स्थिति की जानकारी लेते रहे।
रुपए पीएम केयर फंड में ट्रांसफर
आखिरकार 27 मई को सुजीत के पास आइआरसीटीसी के अधिकारी का फोन आया। उन्होंने बताया कि रेलवे बोर्ड ने सभी यूजर्स का रिफंड मंजूर कर लिया है। सुजीत के अकाउंट में 30 मई को दो रुपए का रिफंड आ गया। उन्होंने पांच साल का संघर्ष पूरा होने के बाद 535 रुपए पीएम केयर फंड में ट्रांसफर कर दिए।
आखिरकार 27 मई को सुजीत के पास आइआरसीटीसी के अधिकारी का फोन आया। उन्होंने बताया कि रेलवे बोर्ड ने सभी यूजर्स का रिफंड मंजूर कर लिया है। सुजीत के अकाउंट में 30 मई को दो रुपए का रिफंड आ गया। उन्होंने पांच साल का संघर्ष पूरा होने के बाद 535 रुपए पीएम केयर फंड में ट्रांसफर कर दिए।