आर्यन शर्मा/जयपुर. जरा सोचो, कोई जवान लड़का अपनी शादी के सपने देख रहा हो, तभी उसे पता चले कि उसकी मां प्रेग्नेंट है तो उस पर क्या गुजरेगी? ऐसे ही युवा की मनोदशा को दिखाती है अमित रवीन्द्रनाथ शर्मा की फिल्म ‘बधाई हो’। ‘विकी डोनर’, ‘दम लगा के हईशा’, ‘शुभ मंगल सावधान’ सरीखी लीक से हटकर फिल्मों की पहचान बन गए एक्टर आयुष्मान खुराना की ‘बधाई हो’ भी एक अलग मिजाज की मजेदार मूवी है। कहानी दिल्ली में लोधी कॉलोनी में रहने वाले मध्यमवर्गीय कौशिक परिवार की है, जिसमें जीतू (गजराज) व प्रियम्वदा (नीना) पति-पत्नी हैं। उनका बड़ा बेटा नकुल (आयुष्मान) जॉब करता है और गर्लफ्रेंड रिनी (सान्या) से शादी की प्लानिंग कर रहा है। वहीं छोटा बेटा गूलर (शार्दुल) 12वीं कक्षा में पढ़ता है। घर में दादी (सुरेखा) भी है। एक दिन अचानक पता चलता है कि प्रियम्वदा प्रेग्नेंट है। यह जानकर नकुल, गूलर और दादी चौंक जाते हैं। उन्हें यह खयाल आने लगते हैं कि लोग क्या कहेंगे? इस आॅकवर्ड सिचुएशन के बाद कहानी में कई उतार-चढ़ाव आते हैं।
फनी सिचुएशन हंसने का देती हैं भरपूर मौका
फिल्म की लिखावट अच्छी है। स्क्रीनप्ले काफी क्रिस्प और एंगेजिंग है। मजेदार संवाद और फनी सीक्वेंस खूब ठहाके लगवाते हैं। अर्जुन कपूर स्टारर ‘तेवर’ में निर्देशन की धार नहीं दिखा पाए अमित रवीन्द्रनाथ शर्मा ने इस फिल्म के डायरेक्शन में कमाल किया है। फिल्म का पहला हाफ कॉमेडी से भरपूर है और हंसने के खूब मौके देता है, वहीं दूसरे हाफ में इमोशंस और फैमिली वैल्यूज को तरजीह दी गई है। हालांकि दूसरे हाफ में फिल्म थोड़ी कमजोर पड़ती है, लेकिन इन खामियों को नजरअंदाज कर दें तो फिल्म एंटरटेनिंग तरीके से आगे बढ़ती है। एक्टिंग की बात करें तो आयुष्मान खुराना इस तरह के कैरेक्टर में परफेक्ट चॉइस हैं। उन्होंने बेहतरीन ढंग से अपना किरदार अदा किया है। सान्या मल्होत्रा ने आयुष्मान की गर्लफ्रेंड के तौर पर सहज अभिनय किया है। मां की भूमिका में नीना गुप्ता और पिता के रोल में गजराज राव की परफॉर्मेंस उम्दा है। उन्होंने अपने बच्चों व मां के सामने शर्मिंदगी व नजरें चुराने वाले भावों को उम्दा ढंग से जीया है। सुरेखा सीकरी फुल फॉर्म में मनोरंजन करती हैं। गीत-संगीत ओके है। सिनेमैटोग्राफी और एडिटिंग अच्छी है।
क्यों देखें : फिल्म का सब्जेक्ट अच्छा है, जिसमें घर में नन्हा मेहमान आने की खबर कहने को तो खुशखबरी है, लेकिन इससे बहुत से लोगों को ऑकवर्ड फील होता है। इसी सिचुएशन के इर्द-गिर्द मनोरंजन का ताना-बाना बुना गया है। अच्छा स्क्रीनप्ले, असरदार डायरेक्शन और उम्दा एक्टिंग के लिए वाकई बधाई की पात्र है ‘बधाई हो’।
रेटिंग : 3.5 स्टार