
रिजर्व बैंक की पहल से आयेगी वित्तीय स्थिरता: उद्योग
रेपो रेट में कटौती का निर्णय सराहनीय
सीआईआई के महानिदेशक चरणजीत वनर्जी ने कहा कि रेपो दर में 75 आधार अंकों की कमी किए जाने का निर्णय सराहनीय है। इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने तरलता बढ़ाने के लिए कई और उपाय किए है, जिससे कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था पर पडऩे वाले वित्तीय तनाव को कम करने में मदद मिलेगी। नकद आरक्षित अनुपात में की गई एक फीसदी की कटौती से बैंकों को ब्याज दरें कम करने में मदद मिलेगी और इसका लाभ ग्राहकों को होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान लॉकडाउन से कंपनियों के नकदी प्रवाह पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। तीन महीने तक ऋण की किश्तों की वूसली से राहत दिए जाने से कंपनियों को राहत मिलेगी।
कारोबारी धारणा मजबूत होगी
उद्योग संगठन एसोचैम ने कहा है कि रिजर्व बैंक के इस पहल से वित्तीय स्थिरता आएगी और कारोबारी धारणा मजबूत होगा। उसने कहा कि रिजर्व बैंक की ओर से उठाया गया कदम न सिर्फ सराहनीय है बल्कि स्वागतयोग्य भी है। उसने कहा कि रिजर्व बैंक ने तीन महीने तक किश्तों की वसूली से राहत देकर कंपनियों, एमएसएमई और व्यक्तिगत देनदारों को बड़ी राहत दी है। इसके साथ ही बैंक के जमाकर्ताओं के हितों का भी ख्याल रखा गया है।
रिजर्व बैंक ने सभी प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान दिया
फिक्की ने कहा कि नीतिगत दरों में की गई कटौती से बैंकों के पास आने वाली तरलता का लाभ ग्राहकों को भी मिलना चाहिए। फिक्की की अध्यक्ष संगीता रेड्डी ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि रिजर्व बैंक ने वृहद उपायों की घोषणा की है और इसमें सभी प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान आर्थिक स्थिति और वित्तीय बाजार बहुत ही उथलपुथल भरा है तथा इसके लिए मौद्रिक उपाय किए जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही थी।
Published on:
27 Mar 2020 11:24 pm
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