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अब एफएसएल में विलय होगा फिंगर प्रिंट ब्यूरो

राज्य सरकार ने लिया दोनों के विलय का निर्णय, वित्त विभाग की सहमति के बाद बनेंगे नियम

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जयपुर /
राज्य में आखिरकार फिंगरप्रिंट ब्यूरो स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो से राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जाएगा। राज्य सरकार ने दोनों के विलय पर सहमति बना ली है। हालांकि इससे पहले दोनों के विलय के लिए करीब एक साल तक मशक्कत चलती रही। अब गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया के दखल के बाद विलय पर सहमति बनी। वित्त विभाग की सहमति के बाद ब्यूरो कर्मचारियों के लिए नए नियम बनेंगे।
जानकारी के अनुसार स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो में फिंगरप्रिंट ब्यूरो की एक अलग से विंग बनी हुई है। फिंगरप्रिंट ब्यूरो वारदात या घटना स्थल से अपराधियों के अंगुलियों के निशान उठाने के साथ ही बदमाशों के रिकॉर्ड रखने का काम करता है। वहीं दूसरी ओर राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला में भी वारदात स्थल से साक्ष्य उठाने का काम किया जाता है। दोनों के समान कार्य को देखते हुए पिछले साल इनके विलय की बात उठी। फिंगर प्रिंट ब्यूरो में 69 अधिकारी—कर्मचारी हैं, जिन्हें स्थानांतरित होना है।

आदेश निकाले, निरस्त किए....
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पुनर्गठन की ओर 21 अप्रेल 2017 को फिंगर प्रिंट ब्यूरो के 69 पदों को स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की स्वीकृत नफरी से विधि विज्ञान प्रयोगशाला में स्थानांतरित किए जाने के आदेश जारी कर दिए। मामले में विवाद उठा तो एडीजी ने करीब एक महीने बाद ही 19 मई 2017 को आदेश को निरस्त कर दिया।

वित्त विभाग ने मांगी जानकारी ...
इधर पुलिस मुख्यालय से फिंगर प्रिंट ब्यूरो के एफएसएल में विलय का प्रस्ताव गृह विभाग को भेजा गया। गृह विभाग ने फाइल वित्त विभाग भेजी। इसके बाद वित्त विभाग ने एफएसएल व एससीआरबी से कुछ सवालों के जवाब मांगे। हालांकि अभी विभाग से जवाब वित्त विभाग को नहीं भेजे गए हैं। ?

सवालों के जवाब निरुत्तर हैं अभी ...

सूत्रों ने बताया कि वित्त विभाग ने जानकारी मांगी कि फिंगर प्रिंट ब्यूरो का एफएसएल में विलय करोगे तो प्रमोशन और भर्ती की क्या प्रक्रिया रहेगी। प्रमोशन के मामले में सीनियरिटी को लेकर कर्मचारियों के हक टकराएंगे। वहीं आगे भर्ती की प्रक्रिया क्या रहेगी। इनके जवाब अभी तक वित्त विभाग को नहीं भेजे गए हैं।

मंत्री की पहल, हुआ निर्णय...
इधर गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने दो दिन पहले विधि विज्ञान प्रयोगशाला की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान विलय का मामला सामने आया तो तय हुआ कि
फिंगर प्रिंट ब्यूरो के पद एफएसएल को दे दिए जाएं। प्रशासनिक निर्णय कर वित्त विभाग से प्रक्रिया पूरी करने के लिए कहा जाएगा।