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जयपुर। अपराधियों को जेल भेजने के पीछे मुख्य उद्देश्य कैदी के सुधार, समाज की सुरक्षा और अपराधों की संख्या में कमी लाना है। इसके लिए जेल के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मुख्य जिम्मेदारी होती है, लेकिन जेल के अधिकारी/कर्मचारी ही इस उद्देश्य से भटक जाए तो कैदियों/बंदियों का सुधरना मुश्किल है। यानी कैदी/बंदी सुधरना भी चाहे तो छोटे से लालच के लिए अधिकारी/कर्मचारी उन्हें सुधरने नहीं देते।
राज्य सरकार के गृह विभाग की ओर से विधानसभा में दी गई जानकारी के अनुसार पिछले दो साल में प्रदेश की विभिन्न जेलों में ऐसे कई प्रकरण सामने आए हैं, जिनमें तलाशी के दौरान कैदियों/बंदियों के पास हथियार सहित विभिन्न प्रकार की आपत्तिजनक सामाग्री मिली।
चिंता का विषय यह है कि कैदियों/बंदियों तक आपत्तिजनक सामग्री पहुंचाने में जेल के अधिकारी/कर्मचारी लिप्त पाए गए। उनके खिलाफ एफआईआर तक दर्ज करवाई गई। इसमें केन्द्रीय कारागृह जोधपुर, जिला कारागृह जैसलमेर, केन्द्रीय कारागृह अलवर, केन्द्रीय कारागृह भरतपुर, केन्द्रीय कारागृह उदयपुर के 11 कार्मिकों के खिलाफ 17 सीसीए व 16 सीसीए के तहत कार्रवाई की गई है।
| जेल का नाम | 2022 | 2023 |
|---|---|---|
| केन्द्रीय कारागृह, जयपुर | 5 | 7 |
| केन्द्रीय कारागृह, अलवर | 10 | 7 |
| केन्द्रीय कारागृह, भरतपुर | 6 | 7 |
| केन्द्रीय कारागृह, उदयपुर | 1 | 10 |
| केन्द्रीय कारागृह, जोधपुर | 11 | 8 |
| केन्द्रीय कारागृह, गंगानगर | 4 | 1 |
| केन्द्रीय कारागृह, बीकानेर | 9 | 2 |
| केन्द्रीय कारागृह, अजमेर | 3 | 1 |
| केन्द्रीय कारागृह, कोटा | 2 | 1 |
| उच्च सुरक्षा कारागृह, अजमेर | 5 | 2 |
| विशिष्ट केन्द्रीय कारागृह, श्यालावास | 1 | 2 |
| महिला बंदी सुधारगृह, जोधपुर | 1 | 0 |
| महिला बंदी सुधारगृह, जयपुर | 0 | 1 |
| जिला कारागृह, जयपुर | 0 | 1 |
| जिला कारागृह, सिरोही | 2 | 0 |
| जिला कारागृह, धौलपुर | 2 | 3 |
| जिला कारागृह, हनुमानगढ़ | 10 | 2 |
| जिला कारागृह, प्रतापगढ़ | 4 | 3 |
| जिला कारागृह, चित्तौड़गढ़ | 4 | 6 |
| जिला कारागृह, बाड़मेर | 2 | 2 |
| जिला कारागृह, बांसवाड़ा | 0 | 1 |
| जिला कारागृह, जैसलमेर | 1 | 1 |
| जिला कारागृह, टोंक | 1 | 0 |
| जिला कारागृह, चूरू | 1 | 1 |
| उप कारागृह, सूरतगढ़ | 6 | 1 |
| उप कारागृह, डीग | 0 | 2 |
| उप कारागृह, बहरोड़ | 1 | 0 |
| उप कारागृह, श्रीकरणपुर | 1 | 2 |
| उप कारागृह, बालोतरा | 1 | 0 |
| कुल | 94 | 74 |
वर्ष 2022 व 2023 में प्रदेशों की जेलों में जेल प्रशासन की ओर से ली गई तलाशी की कहानी भी अजीब है। विधायक डॉ. जसवन्तसिंह यादव के सवाल का जवाब देते हुए सरकार ने बताया कि वर्ष 2022 में जेल प्रशासन ने प्रदेश की 103 जेलों में कुल 20,896 बार तलाशी ली, लेकिन अगले वर्ष यानी 2023 में मात्र 3001 बार ही तलाशी ली गई। यही नहीं पुलिस प्रशासन की ओर से वर्ष 2022 में मात्र 62 बार तलाशी ली गई, जबकि 2023 में 124 बार तलाशी ली। इसमें बांदीकुई, सांभरलेक, बहरोड़, हिंडौनसिटी, राजगढ़, अकलेरा ऐसी जेल है, जहां वर्ष 2022 में एक बार भी तलाशी नहीं ली गई।
जेलों में तलाशी के दौरान मिली आपत्तिजनक वस्तुओं को लेकर जेल प्रशासन ने दो साल में कुल 168 एफआईआर दर्ज करवाई। इसमें वर्ष 2022 में 94 तथा 2023 में 74 एफआईआर बंदियों के खिलाफ दर्ज करवाई गई। आपत्तिजनक वस्तुओं में हथियार के साथ मुख्य रूप से मोबाइल फोन, बैटरी, चार्जर, सिम, ईयरफोन, डाटा केबल, गुटखा-जर्दा, बीड़ी-तम्बाकू, मादक पदार्थ आदि शामिल हैं।
Updated on:
11 Jul 2025 06:02 pm
Published on:
09 Jul 2025 06:25 pm
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