यह बात गौड़ी पाश्र्वनाथ जैन मंदिर में रविवार को भगवान महावीर के जन्म कल्याणक के त्रि-दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन मुनि पीयूष कुमार ने कही। इस मौके पर जैन संतों ने भगवान महावीर के संदेश और सैद्धान्तों की व्याख्या की।
शोभायात्रा में नगर हुआ महावीर मय भगवान महावीर के जन्म कल्याणक के त्रि-दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम रविवार को भगवान महावीर की उपनगरीय क्षेत्र गंगाशहर -भीनासर और बीकानेर से अलग-अलग शोभायात्राएं निकाली गई। इस शोभा यात्रा के माध्यम से पूरे नगर को अहिंसा, अपरिग्रह और संयम का संदेश दिया गया।
भगवान महावीर की सजीव झांकियां, उनके संदेश के बैनर, पोस्टर और उद्घोष के साथ बड़ी संख्या में अनुयायियों ने शिरकत की। भारी पुलिस बंदोबस्त के बीच ये शोभा यात्राएं निकाली गई। शोभा यात्रा में युवा पीढ़ी ने उत्साह से भाग लिया। इस शोभायात्रा में सभी जैन अनुयायी शामिल हुए। कलाकार बच्चों ने महावीर एवं जैन मान्यता के विभिन्न रूप धारण किए।
रविवार को सुबह साढ़े सात बजे पहली शोभायात्रा भीनासर जैन जवाहर विद्यापीठ भीनासर से इन्द्रा चौक, गांधी चौक, बोथरा चौक, महाप्रज्ञ चौक, जैन मंदिर, शान्ति निकेतन, चौपड़ा गली, मालू गेस्ट हाऊस, महावीर चौक, तेरापंथ भवन होते हुए पाश्र्वचन्द्र मन्दिर घूमचक्कर पहुंची। यहां से गोपेश्वर बस्ती, लक्ष्मीनारायण मन्दिर, बड़ा बाजार होते हुए गौड़ी पाश्र्वनाथ जैन मन्दिर, बीकानेर मुख्य समारोह स्थल पहुंची।
दूसरी शोभायात्रा दिगम्बर नसिया जी, लेडी एल्गिन स्कूल के सामने से प्रारम्भ होकर कोचरों का चौक, डागा सेठिया, पारख, रांगड़ी चौक, चिन्तामणी पाश्र्वनाथ मन्दिर, भुजिया बाजार, आदिश्वर मन्दिर, नाहटा मौहल्ला, गोलछा, रामपुरिया, आसानियों का चौक, मावा पट्टी, बैदों का महावीर जी मन्दिर, सुराणा चौक, बड़ा बाजार होते हुए गौड़ी पाश्र्वनाथ जैन मन्दिर बीकानेर मुख्य समारोह स्थल पहुंची।
शोभा यात्रा में जैन दर्शन को इंगित करती हुई झांकियां बनाई गई। वहीं ऊंट, घोड़े तथा वाहनों पर महावीर के सिद्धान्तों को प्रतिपादित करने वाले जानकारियों के पर्दे लगाए गए।