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पहले JDA की अनदेखी, अब मंदिर के शिखर निर्माण को स्वीकृति

33 मीटर ऊंचे शिखर को सौन्दर्य वृदिृध के रूप में स्वीकृति

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पहले JDA की अनदेखी, अब मंदिर के शिखर निर्माण को स्वीकृति

पहले JDA की अनदेखी, अब मंदिर के शिखर निर्माण को स्वीकृति

जयपुर। हरे कृष्ण मूवमेंट (अक्षय पात्र) के जगतपुरा में स्थित मंदिर के निर्माणाधीन नए भवन की ऊंचाई को लेकर जेडीए की अनदेखी सामने आई है। यहां भवन की ऊंचाई 55 मीटर है और 40 मीटर से ऊंची इमारत से जुड़े प्रोजेक्ट की स्वीकृति राज्य सरकार से लेने का नियम है। इसके बावजूद जेडीए ने यह प्रस्ताव निर्धारित समय पर सरकार को नहीं भेजा। इस बीच काम चलता रहा। जब संस्था ने संशोधित प्रस्ताव सौंपा तो अफसरों की नींद खुली और फिर नगरीय विकास विभाग को प्रस्ताव भेजा। अब एक्सपर्ट कमेटी ने इस प्रस्ताव को स्वीकृत करने की अनुशंसा की है। यूडीएच मंत्री अंतिम मुहर लगाएंगे। खास यह है कि मंदिर के ऊपर छतरी (शिखर) हिस्से की ऊंचाई ही 33 मीटर है और इसे सौन्दर्यवृदिृध के रूप में मानते हुए स्वीकृति दी गई है।

बिल्डिंग बायलॉज : सौन्दर्य वृदिृध का हवाला
ऐसी निर्मित संरचना (डोम, छतरी), जिसका उपयोग केवल भवन की सौन्दर्य वृदिृध के लिए हो और जिसकी ऊंचाई 4.5 मीटर से ज्यादा नहीं हो। चूंकि, इस निर्माणाधीन भवन में शिखर की ऊंचाई इससे अधिक है। मॉडल बिल्डिंग बायलॉज 2020 के बिन्दु 9.2 में ऐसे मामले में अनुशंसा के लिए एक्सपर्ट कमेटी को अधिकृत किया हुआ है। प्रमुख सचिव, यूडीएच की अध्यक्षता में गठित कमेटी में मुख्य नगर नियोजक, स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक, इंडियन इंस्टीट्यू आॅफ आर्किटेक्ट्स के अध्यक्ष या सचिव शामिल हैं।