राज्य सरकार की महात्वाकांक्षी भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना की वाहवाही लूटने के फेर में चिकित्सा विभाग अधिकारियों ने नियमों को ताक में रखकर आधा दर्जन अस्पतालों का चयन कर दिया। बिना सुविधाओं के इन अस्पतालों में अब मरीजों को योजना के तहत चिकित्सा सुविधाओं को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली की पोल खोलती खास रिपोर्ट—
सिर्फ दंत और हड्डी से जुड़े रोगों का उपचार
उदयपुर रोड पर विद्युत नगर के सामने स्थित निजी अस्पताल के मैनेजर ने बताया कि उनके अस्पातल में कुल 18 पलंग हैं। इनमें 3 डीलक्स रूम है।। यहां हड्डी और दंत रोगों का ही मुख्य तौर पर उपचार और ऑपरेशन किया जाता है। बड़ी जांचे अहमदाबाद से करवाते हैं।
बड़े ऑपरेशन सरकारी अस्पतालों में करवाते हैं
मोहन कॉलोनी गली नं. 8 में एक छोटी इमारत में संचालित निजी अस्पताल में सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है। कहने को मात्र 20 पलंग हैं। संचालक चिकित्सक ने बताया कि उनके यहां हार्निया और हाइड्रोसिल जैसे ऑपरेशन किए जाते हैं। बड़े ऑपरेशन अन्य निजी और सरकारी अस्पातल में करवाए जाते हैं। एक्स-रे, ईसीजी के अलावा अन्य जांच बाहर से करवाते हैं।
हमारी तो चिकित्सा विभाग से बात ही नहीं हुई
मदारेश्वर रोड पर निजी बस स्टैण्ड के समीप स्थित अस्पताल के प्रबंधक ने कहा कि भामाशाह स्वास्थ्य योजना के लिए उनके अस्पताल के लिए चिकित्सा विभाग के किसी अधिकारी से बात नहीं हुई। कोई आवेदन नहीं किया गया।
हृदय रोग का इलाज नहीं
सिंधी कॉलोनी के पास स्थित एक निजी अस्पताल में यहां मरीजों के लिए 30 पलंग तो है, लेकिन नियमानुसार कई अन्य सुविधाओं का अभाव है। हृदय रोग के संबंध में इस अस्पताल के मरीज को दूसरे अस्पताल भेजना पड़ता है।
15 पलंग का अस्पताल
त्रयंबकेश्वर मंदिर के पास स्थित निजी अस्पातल के चिकित्सा ने बताया कि यहां कुल 15 पलंग हैं। यहां मुख्य तौर पर हड्डी संबंधी परेशानियों का उपचार और ऑपरेशन किया जाता है। इसके अलावा हृदय य अन्य बड़े ऑपरेशन की सुविधा नहीं है।
सात पलंग, फिर भी मिली मंजूृरी
बांसवाड़ा जिले के परतापुर स्थित निजी अस्पताल में महज 7 पलंग हैं और यहां कोई जांच सुविधा नहीं है। महज एक चिकित्सक और 3 कर्मचारी इस अस्पातल का संचालन कर रहे हैं। यहां पर एक्स-रे और ईसीजी की सुविधा है।
सभी जिम्मेदार हैं
इस संबंध मंे डिप्टी सीएमएचओ डॉ. रमेश शर्मा ने बताया कि निजी अस्पतालों में कोई कमी है तो इसके लिए सभी जिम्मेदार हैं। मुझे भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए नोडल अधिकारी बनाया गया है। इसके अनुसार ही कार्य कर रहा हूं।
व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दिए थे
इस संबंध में सीएमएचओ डॉ. हीरालाल ताबियार ने बताया कि10 दिसम्बर को सभी के साथ बैठक की गई थी और गाइड लाइन के अनुसार व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दिए गए थे।