ऊर्जा निर्देशित हथियार से दुश्मन को मारने के लिए गोली या बारूद की आवश्यकता नहीं होगी। उर्जा का ऐसा केंद्रीकरण होगा कि कोई व्यक्ति हो या वस्तु। विमान हो या सैटेलाइट। निशाना लगाते ही कुछ सेकेंड में जलकर भष्म हो जाएगा। 2017 में ऐसे ही उपकरण का परीक्षण तत्कालीन रक्षामंत्री अरूण जेटली के सामने चित्रदुर्गा में किया गया था। यह 250 मीटर की दूरी पर लक्ष्य भेदने में कामयाब रहा था। अब भारतीय वायु सेना के नवनियुक्त प्रमुख वीके चौधरी ने मंगलवार को ऊर्जा निर्देशित हथियार पर चर्चा की है
दुर्गा (DURGA II- Directionally Unrestricted Ray-Gun Array)। यह अस्त्र हवा, समुद्री और सतह से मार करने में सक्षम है। इसे किसी भी जगह से लांच किया जा सकता है। इसकी चपेट में आने वाला पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा।
काली (KALI-Kilo Ampere Linear Injector) एक्स रे और माइक्रावेब दो अलग आवृत्ति पर काम कर दुश्मन को तबाह कर देता है। इसकी माइक्रावेब आवृति किसी भी विमान के उपकरण को तबाह करने में सक्षम है।
भारतीय वायु सेना की ताकत को बढाने और दुश्मन की मिसाइलों से बचाने के लिए रूसी एस 400 एयर डिफेंस सिस्टम इस साल के अंत तक आ जाएगा। इससे न केवल भारत की ताकत बढ़ जाएगी बल्कि चीन और पाकिस्तान को कोई भी कदम उठाने से पहले कई बार सोचना होगा। रूस से लाइट टैंक खरीदने की तैयारी कर रहा है। के9 टैंकों की तरह ही इनकी तैनाती तेजी से उंचाई वाले इलाकों में की जा सकेगी।
गुब्बारा मराने के लिए नहीं दागनी पडेगी महंगी मिसाइल
दुश्मन के ड्रोन, बैलून या फिर अन्य उडते हुए कोई भी उपकरण मार गिराने के लिए दुश्मन या फिर मिसाइल खर्च नहीं करनी पडेगी। इन्हें अब इसी तरह के हथियार से मार गिराया जाएगा। 2019 में राजस्थान के सरहदी इलाके में बैलून को मार गिराने के लिए सुखोई से मिसाइल दागी थी। 2016 में 30 एमएम जीएसएच—301 की कैनन से 97 गोली एक पाकिस्तानी बैलून पर मारी गई थी। यह काफी खर्चीला पडता है।
लददाख में हुई गलवान की घटना के बाद चीनियों के माइक्रोवेव हथियार प्रयोग करने की बात सामने आई थी। बीजिंग के प्रोफेसर ने खुलासा कर बताया था कि चीनी सेना ने दो उंचाई के पहाड पर लगाया है। अरूणाचल में हुई वायुयान दुर्घटनाओं को लेकर भी इस तरह के संशय कई बार सामने आ चुके हैं। इन दुर्घटनाओं में माइक्रोवेब हथियार से हमला होने की बात दबी जुबान से आती रही है। अमरीका ने भी अफगानिस्तान में एक ऐसा हथियार तैनात किया था। इसे बाद में वापस ले लिया।