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पहली बार देशभर में जैन धर्म की ध्वजा फहरा रहीं 100 बेटियां

- महिला सशक्तीकरण की पेश कर रहीं मिसाल, धार्मिक अनुष्ठानों की संभाल रखी कमान - छह से ज्यादा राज्यों के 50 शहरों में कर रहीं प्रवचन

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जयपुर

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GAURAV JAIN

Sep 28, 2023

पहली बार देशभर में जैन धर्म की ध्वजा फहरा रहीं 100 बेटियां

पहली बार देशभर में जैन धर्म की ध्वजा फहरा रहीं 100 बेटियां

जयपुर. लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर में जहां ‘नारी शक्ति वंदन’ विधेयक पास हुआ है, वहीं दूसरी ओर छोटी काशी में धार्मिक शिक्षा ग्रहण कर रहीं बेटियां देश भर में जैनागम का डंका बजा रही हैं।

दिगंबर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान के अंतर्गत संचालित संत सुधासागर कन्या आवासीय महाविद्यालय की विदुषी बेटियां महाराष्ट्र, मध्य-प्रदेश, उत्तर-प्रदेश सहित आधा दर्जन से अधिक प्रदेशों के 50 शहर में जैन धर्म की ध्वजा फहरा रही हैं। दिगंबर जैन धर्मावलंबियों के दशलक्षण महापर्व के दौरान ये बेटियां जैन मंदिरों में तड़के से देर शाम तक धार्मिक अनुष्ठान सम्पन्न करवा रही हैं। गौरतलब है कि दशलक्षण महापर्व में अब तक पुरुष विद्वान ही जगह-जगह जाते थे, यह पहली बार है कि 100 से ज्यादा बेटियां देश भर में जैन धर्म की प्रवाहना कर रही हैं।


जयपुर में 30 मंदिरों में करवा रहीं पूजा-पाठ

राजधानी जयपुर के 30 जैन मंदिर में सांगानेर छात्रावास की बेटियां जैन धर्म की प्रभावना कर रहीं हैं। ये बिदुषी बेटियां सुबह जहां संस्कृत और प्राकृत मंत्रों का बखूबी उच्चारण कर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर रही हैं, वहीं शाम को प्रवचन करके श्रोताओं को अध्यात्म के पथ पर चलने की प्रेरणा दे रही हैं। खासबात यह है कि इन विदुषी बेटियों ने अभिषेक, शांतिधारा, पूजा, दशलक्षण धर्म, तत्वार्थ सूत्र वाचन आदि अनुष्ठानों की कमान संभाल रखी है। जयपुर में बापूनगर, जौहरी बाजार, मालवीय नगर, प्रतापनगर, मंगल विहार, जवाहर नगर, चित्रकूट, मानसरोवर आदि जगहों पर बेटियां पयुर्षण पर्व के अनुष्ठान करवा रहीं हैं।

180 बेटियां ग्रहण कर रहीं धार्मिक शिक्षा
संत सुधासागर कन्या आवासीय महाविद्यालय की अधिष्ठात्री शीला डोड्या व निर्देशिका वंदना जैन ने बताया कि छात्रावास में देशभर से 180 बेटियां लौकिक शिक्षा के साथ धार्मिक और संस्कारों को ग्रहण कर रही हैं। यह सभी विदुषी बेटियां कक्षा 11 से लेकर अंतिम वर्ष की हैं। बेटियां संगीत, कंप्यूटर, सिलाई आदि कलाओं में भी पारंगत है।मालवीय नगर जैन मंदिर में प्रवचन कर रहीं बाल ब्रह्मचारी दृष्टि जैन ने आजीवन ब्रह्मचारी व्रत लिया है। दृष्टि ने बताया कि अंग्रेजी और संस्कृत के साथ ही प्राकृत व अपभ्रंश आदि भाषाओं का भी प्रशिक्षण ले रही हैं।


यह बोली बेटियां

खुद की संस्कृति को कभी न भूलें... पढ़ाई के साथ-साथ धर्म का ज्ञान जरूरी है। जैन सिद्धांतों, शास्त्रों में ही खुद की समस्याओं का हल है। इसका मैं संदेश दे रही हैं।
- मुस्कान, बीए अंतिम वर्ष

पढ़ाई के साथ-साथ शास्त्र अध्ययन, जैन दर्शन सिद्धांत, जैन न्याय, परंपराओं के बारे शिक्षा ग्रहण कर रहीं हूं। जो मैंने अब तक सीखा उसी को सिखाने का प्रयास कर रहीं हूं।
- प्रिंसी जैन, बीए द्वितीय वर्ष