
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
राज्य सरकार की ओर से राजस्थान प्राकृत भाषा एवं साहित्य अकादमी का गठन किया जाएगा। यह अकादमी जैन धर्म के लोक साहित्य के प्रकाशन एवं जैन समुदाय की पुरातात्विक धरोहरों एवं मंदिरों के पुररूद्धार व संरक्षण के लिए काम करेगी।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अकादमी के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। इसके द्वारा प्राकृत एवं जैन भाषा के साहित्य का संरक्षण, संवर्धन तथा अभिवृद्धि के लिए अनेक कार्य किए जाएंगे। इनमें उच्च स्तरीय ग्रन्थों, पाण्डुलिपियों, साहित्य कोष, शब्दावली एवं ग्रन्थ की निर्देशिका तैयार करना, प्राकृत भाषा का भारतीय भाषाओं में अनुवाद करना, साहित्य सम्मेलन, विचार-गोष्ठियां, परिसंवाद, कवि सम्मेलन, भाषण मालाएं, शिविर, प्रदर्शनियां एवं प्रचार-प्रसार संबंधी समस्त गतिविधियां आयोजित करना, साहित्यकारों को उनकी उत्कृष्ट रचनाओं के लिए सम्मानित करना आदि कार्य शामिल हैं। साथ ही, यह अकादमी पुस्तकालय, वाचनालय तथा अध्ययन एवं विचार-विमर्श केन्द्र स्थापित करने, प्राकृत भाषा एवं साहित्य के उत्थान के लिए योजनाएं तैयार करने तथा अकादमी के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक कार्य करेगी। अकादमी में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष तथा सचिव सहित 4 अधिकारी होंगे।
Published on:
08 Aug 2023 09:05 pm
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