
जयपुर। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे दिन शुक्रवार को शब्दों के शामियाने में इजराइल और गाजा के बीच जंग का मुद्दा उठा तो साहित्य प्रेमियों ने फिलिस्तिनियों के सपोर्ट में तालियां बजाकर उनके लिए इंसाफ की आवाज भी उठाई। लेखक पंकज मिश्रा लिखित किताब ’द वर्ल्ड आफ्टर गाजा’ सेशन के दौरान इजरायल और फिलिस्तीन की पुरानी लड़ाई में गाजा की बर्बादी पर गहन मंथन हुआ।
चर्चा के दौरान फिलिस्तीनी लेखिका सेल्मा डब्बाग ने कहा कि पिछले 15 वर्ष में इजरायल और फिलिस्तीन के बीच पांच लड़ाइयां हुई हैं, जिसमें गाजा को नुकसान होता रहा है। लेखक पंकज मिश्रा ने कहा कि युद्ध के बीच व्यवस्थित क्रूरता और अन्याय के बाद रोशनी की उम्मीद कम ही बची है।
इजराइल को पश्चिमी शक्तियों से प्राप्त नैतिक स्वीकृति के कारण बहुत सी ऐसी चीजें करने की अनुमति है जो किसी भी राष्ट्र को नहीं करने दी जाती हैं। अमरीका में भारत के राजदूत रहे नवतेज सिंह सरना ने कहा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू फिलिस्तिनियों के सपोर्ट में थे जबकि वर्तमान स्थिति अब कुछ अलग है, फिर भी इंडिया की मेजोरिटी फिलिस्तिनियों के साथ खड़ी है।
सेशन के दौरान सवाल-जवाब के बीच इजराइल के एक दर्शक ने आयोजकों को टोकते हुए कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में सभी फिलिस्तिनियों की बात कर रहे हैं जबकि ऐसे मंचों पर इजराइल को भी अपनी बात कहना का हक होना चाहिए। ऐसे में आयोजन से जुड़े लेखक विलियम डेलरिम्पल को बीच में आकर कहना पड़ा कि नहीं, ऐसा नहीं है। इजराइल को लेकर भी साहित्य उत्सव में तीन सेशन रखे गए हैं।
Published on:
01 Feb 2025 08:35 am
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