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राजस्थान से भी उठी ‘जाति जनगणना’ की मांग, अशोक गहलोत बोले- इससे घोषणापत्रों में ‘फ्रीबीज’ योजनाएं बंद हो जाएंगी

Rajasthan Politics: राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने मोदी सरकार से जाति जनगणना करवाने की मांग की है। इसको लेकर उन्होंने एक्स पर एक लंबी पोस्ट लिखी है।

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Ashok Gehlot

Rajasthan Politics: राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने मोदी सरकार से जाति जनगणना करवाने की मांग की है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि सिर्फ जाति तक सीमित नहीं जातिगत जनगणना, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए बेहद जरूरी है। बता दें, इससे पहले भी कई मौकों पर अशोक गहलोत जाति जनगणना की मांग उठा चुके हैं। वहीं कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी लगातार जातिगत जनगणना की मांग करते रहे हैं।

गहलोत ने एक्स हैंडल पर क्या लिखा?

पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि, "सिर्फ जाति तक सीमित नहीं जातिगत जनगणना, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए बेहद जरूरी"

उन्होंने आगे कहा कि दुनिया के अनेक विकसित और विकासशील देशों में सभी जरूरतमंद परिवारों को साप्ताहिक और मासिक तौर पर सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत एक निश्चित राशि दी जाती है। भारत भी अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है परन्तु हमारे देश में ऐसी कोई स्थायी सामाजिक सुरक्षा योजना नहीं है। इसीलिए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लगातार सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना की बात कर रहे हैं।

'फ्रीबीज' का भी उठाया मुद्दा

अशोक गहलोत ने कहा कि भाजपा इसे केवल जातिगत जनगणना तक सीमित कर बताती है परन्तु इसमें जाति के साथ आर्थिक एवं सामाजिक पृष्टभूमि की भी जानकारी मिल सकेगी। इस प्रकार यदि सरकार के पास सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति का उचित डाटा होगा तो पूरे देश के लिए एक सामाजिक सुरक्षा योजना बनाई जा सकती है। इसके बाद तथाकथित "फ्रीबीज" कही जाने वाली योजनाएं चुनाव से पूर्व पार्टियों के घोषणापत्रों अथवा राज्य सरकारों के कार्यक्रमों में आना बन्द हो जाएंगी।

उन्होंने कहा कि अब समय आ चुका है कि केन्द्र सरकार सही डाटा इकट्ठा कर सभी राज्यों से चर्चा कर एक फॉर्मूला तय करे जिससे जरूरतमंद परिवारों को सहायता दी जा सके। पूरे देश में एक जैसी योजना होने पर समाज के समृद्ध वर्ग में यह भावना आनी भी बन्द हो जाएगी कि सरकारें टैक्स के पैसे को केवल गरीब वर्ग पर लुटा रही हैं।

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संविधान के अनुच्छेद 39 का किया जिक्र

पूर्व सीएम ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 39 में राज्य के नीति निर्देशक तत्व स्पष्ट कहते हैं कि सभी नागरिकों को, चाहे वे पुरुष हों या महिला, समान रूप से, आजीविका के पर्याप्त साधनों का अधिकार है एवं समाज के भौतिक संसाधनों का स्वामित्व और नियंत्रण इस प्रकार वितरित किया जाए कि वह सर्वजन हिताय हो।

अशोक गहलोत ने कहा कि इस देश में रहने वाला हर नागरिक टैक्स देता है। कुछ डायरेक्ट टैक्स (इनकम टैक्स) देते हैं और सभी इनडायरेक्ट टैक्स (GST, वैट इत्यादि) देते हैं। सरकार का काम उस टैक्स की कमाई को अलग-अलग वर्गों की जरूरत के मुताबिक समाज में बांटना है। UPA सरकार के दौरान खाद्य सुरक्षा योजना आने के बाद से ही पहले सामान्य तौर पर आने वाली भूख से मौत की खबरें आना बन्द हो गई हैं। चिरंजीवी योजना जैसी निशुल्क बीमा स्कीम और फ्री इलाज से उपचार के अभाव में मृत्यु कम हुई हैं।

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