
Sanskrit University: सरकार भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़े पर लगाम लगा रही है, वहीं दूसरी ओर यूनिवर्सिटी की परीक्षाओें में फर्जीवाड़े को शह दे रही है। मामला जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत यूनिवर्सिटी से जुड़ा है। राजभवन ने यूनिवर्सिटी की पीजीडीसीए और पीजीडीवाईटी परीक्षा में हुए फर्जीवाडे़ की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश सरकार को दिए।
वहीं, इसी मामले में सरकार ने यूनिवर्सिटी को पत्र लिखकर प्रकरण का निस्तारण करने के निर्देश जारी कर दिए। सरकार के इस पत्र से राजभवन के आदेश की अवहेलना तो हुई है, साथ ही यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
सरकार और राजभवन के अलग-अलग आदेश के बाद यूनिवर्सिटी परीक्षाओं में हुए फर्जीवाड़े को लेकर कोई निर्णय नहीं कर पा रही है। इन परीक्षाओं में हुई धांधली की शिकायत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजसेवक दुबे ने पिछले साल जनवरी में राजभवन व सरकार को की थी। मामले का खुलासा राजस्थान पत्रिका ने किया था।
मौजूदा विधानसभा के प्रथम सत्र में भाजपा विधायक जेठानंद व्यास की ओर से लगाए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर सरकार ने जवाब दिया है कि संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से निजी महाविद्यालयों को आवंटित सीटों से अधिक परीक्षार्थियों को परीक्षा दिलवाने में व्याप्त अनियमितताओं के संबंध में राज्यपाल ने 12 अगस्त को जांच समिति का गठन किया था।
समिति ने विश्वविद्यालय में पदस्थापित वित्त नियंत्रक व तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक दुर्गेश राजोरिया को इस प्रकरण में दोषी माना है। समिति की रिपोर्ट पर राजभवन ने राजोरिया के खिलाफ नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही के निर्देश संस्कृत शिक्षा विभाग को दिए। विभाग ने प्रकरण को कार्यवाही के लिए वित्त विभाग को भेज दिया है।
इधर, संस्कृत शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के विशिष्ट सहायक जय नारायण मीणा ने संस्कृत यूनिवर्सिटी के कुलपति को पत्र लिखा है। इसमें कहा है कि राजस्थान के अन्य विश्वविद्यालयों की तरह प्रावधानों के अनुसार संबंधित महाविद्यालयों से जुर्माना वसूले जाने की कार्यवाही की जाए। जुर्माना वसूल कर प्रकरण का निरस्तारण कर दिया जाए।
यूनिवर्सिटी की ओर से पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन (पीजीडीसीए) और पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा योग थेरपी (पीजीडीवाईटी) कोर्स कराए जाते हैं। निजी कॉलेज इसके लिए संस्कृत विश्वविद्यालय से संबद्धता लेते हैं।
विवि की ओर से कॉलेजों को तय मानदंडों के अनुसार सीट आवंटित की जाती है, लेकिन कॉलेजों ने यूनिवर्सिटी से तय सीटों से अधिक 600 छात्रों का प्रवेश लेकर परीक्षा करा ली। पीजीडीवाईटी के करीब 21 और पीजीडीसीए के लगभग 9 कॉलेजों का फर्जीवाड़ा सामने आया है।
सरकार की ओर से संस्कृत शिक्षा मंत्री के विशिष्ट सहायक का पत्र मिला है। पत्र कार्यवाही के लिए कुलसचिव को भेजा है।
प्रो. रामसेवक दुबे, कुलपति, राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय
Published on:
06 Jan 2025 11:54 am
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