31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

‘शिक्षण की स्थायी व्यवस्था होने तक देंगे नि:शुल्क शिक्षा’, झालावाड़ हादसे के बाद आगे आया स्कूल शिक्षा परिवार संघ

Rajasthan News: उन्होंने कहा कि राज्य के निजी स्कूल सरकार के साथ हैं और आरटीई के तहत निर्धारित शुल्क या नि:शुल्क पढ़ाने को तैयार हैं।

less than 1 minute read
Google source verification

झालवाड़ स्कूल हादसे की फाइल फोटो: पत्रिका

Jhalawar School Roof Collapse: झालावाड़ के पीपलोदी गांव में हाल ही में हुए स्कूल भवन हादसे के बाद राज्य भर में चिंता का माहौल है। इस संकट की घड़ी में स्कूल शिक्षा परिवार ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को अहम प्रस्ताव भेजा है। इसमें जर्जर भवनों में संचालित स्कूलों के बच्चों को, वहां स्थायी समाधान होने तक गैर सरकारी स्कूलों में नि:शुल्क शिक्षा देने की पेशकश की गई है।

प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अनिल शर्मा ने बताया कि शिक्षा केवल सरकार की नहीं, पूरे समाज की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि राज्य के निजी स्कूल सरकार के साथ हैं और आरटीई के तहत निर्धारित शुल्क या नि:शुल्क पढ़ाने को तैयार हैं। झालावाड़ के मनोहरथाना ब्लॉक के निजी स्कूलों ने स्थानीय बच्चों को तुरंत दाखिला देने का निर्णय भी ले लिया है।

एक-एक करोड़ की आर्थिक सहायता देने की मांग

वहीं राजस्थान शिक्षक संघ (अम्बेडकर) जिला टोंक ने सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम एडीएम को ज्ञापन दिया । जिसमें जिलाध्यक्ष जयंती प्रकाश नुवाल ने बताया कि झालावाड़ जिले के मनोहर थाना क्षेत्र के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पीपलोदी में विद्यालय भवन की छत गिरने से हुई हृदय-विदारक घटना घटित हुई। मृतक विद्यार्थियों के परिजनों को एक-एक करोड़ की आर्थिक सहायता, शिक्षकों की एक तरफ निलंबन कार्यवाही नहीं की जाकर घटना की न्यायिक जांच निष्पक्ष की जाए।

साथ ही प्रदेश में सभी राजकीय भवनों की सुरक्षा की जांच कराई जाए और सुरक्षा प्रमाण पत्र अभियंताओं से प्राप्त करें। ज्ञापन में यह भी बताया कि विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित एवं पर्याप्त कक्षा कक्षों का निर्माण सुनिश्चित किया जाए। इस दौरान प्रदेश कोषाध्यक्ष हरिराम बड़ीवाल, सभा अध्यक्ष सुरेश कुमार बंसीवाल, जिलाध्यक्ष जयंती प्रकाश नुवाल, जिला मंत्री जितेंद्र बैरवा, तहसील अध्यक्ष मुकेश कराडिया, रामरतन गुगलिया, शिवराज आदि थे।