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बलात्कार, हत्या पर कैसे होगी सजा, एफएसएल रिपोर्ट ही नहीं आई

हाईकोर्ट ने गृह विभाग के एसीएस से पूछा, 22 हजार एफएसएल जांच क्यों पेंडिंग हैं

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Rajasthan High Court

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जयपुर. हाईकोर्ट ने प्रदेश में विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं में करीब 22 हजार मामलों में रिपोर्ट नहीं आने को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने इस समस्या के समाधान पर जवाब पेश करने के लिए 15 अप्रेल को गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को बुलाया है। इस मामले में एसीएस से शपथ पत्र भी मांगा है, जिसमें यह बताने को कहा कि कितने समय में एफएसएल रिपोर्ट ट्रायल कोर्ट को मिल जानी चाहिए और खाली पदों को कब तक भर दिया जाएगा।

न्यायाधीश समीर जैन ने विनोद की जमानत याचिका पर शुक्रवार को यह आदेश दिया। अदालती आदेश पर सुनवाई के दौरान हाजिर एफएसएल निदेशक डॉ. अजय शर्मा ने कोर्ट को बताया कि एफएसएल व डीएनए के करीब 22 हजार मामले लंबित हैं, जिनकी चार प्रयोगशालाओं में जांच की जा रही है। प्रयोगशालाओं में संसाधनों की कमी तो नहीं है, लेकिन खाली पदों पर नियुक्तियां नहीं होने से समय पर जांच नहीं हो पा रही। कोर्ट ने इस स्थिति पर जवाब देने के लिए गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव को बुलाने का आदेश दिया। उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता के खिलाफ सवाईमाधोपुर के खंडार पुलिस थाने में अगस्त, 2023 में पॉक्सो का मामला दर्ज हुआ, जिस पर पुलिस ने एफएसएल रिपोर्ट और मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट आए बिना ही आरोप पत्र पेश कर दिया है। उधर, अधीनस्थ अदालत में ट्रायल के दौरान पीडिता ने अपने साथ बलात्कार होने से ही इनकार कर दिया।