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पूरा पढ़ें : आज भी बरकरार है ऑडियो रिकॉर्ड्स का क्रेज

दातर ऑडियो रिकॉर्ड्स जयपुर शहर में कुछ ही दुकानों पर मिलते थे। आज के समय में ऐसे कुुुुछ ही लोग हैं, जिन्होनें इन दुर्लभ ऑडियो रिकॉर्ड्स को सहेज रखा है।

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Rajesh

Feb 03, 2017

DDD

जयपुर के रामगंज इलाके में कई ऐसेशौक रखने वाले है जो शौक की कोई कीमत नही रखते और वहाँ कुछ शौकीन अपने शौक की चीज़ें हासिल करने के लिए हर मुमकिन कोशिश करते रहते है।

इस कोशिश में वक्त के साथ पैसा भी बहुत खर्च होता है। मगर इन सब के बावजूद वह हर हाल में, अपना शौक पूरा कर ही लेता है और अगर आपका शौक ही आपका प्रोफेशन बन जाए तो उससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता।

लेकिन यह भी सच है कि ऐसा होता बहुत कम है। शहर में कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें ये खुशी हासिल है।

कभी हुआ करते थे खास,आज हैं विंटेज

एक जमाना था जब ऑडियो रिकॉर्ड्स के गानों का जादू सुनने वालों के सिर चढ़कर बोलता था। और उस समय बहुत ही कम लोग हुआ करते थे जिस किसी के पास रिकॉर्ड्स प्लेयर होता था।

ऐसे लोगों के पास दूर-दूर से गाना सुनने लोग आया करते थे। और ज्यादातर ऑडियो रिकॉर्ड्स शहर में कुछ ही दुकानों पर मिलते थे। आज के समय में ऐसे कुुुुछ ही लोग हैं, जिन्होनें इन दुर्लभ ऑडियो रिकॉर्ड्स को सहेज रखा है।

जैसे रिकॉर्ड्स, वैसी कीमत

संग्रहकर्ता बताते हैं कि जमाना बदल गया है। लेकिन जो कोई भी ऑडियो रिकॉर्ड्स खरीदना चाहता है, उसे रिकॉर्ड्स के हिसाब से कीमत चुकानी होती है। वैसे आज अगर देखा जाए तो ऑडियो रिकॉर्ड की कई रेयर रिकॉर्ड्स को तो शौकीन मुंह मांगे दामों पर भी खरीद लेते हैं।

नदीम रिज़वी का है खास कलेक्शन

बहुत रेयर हैं ये कलेक्शन : नदीम रिज़वी के पास मास्टर मदन, गौरी देवी, ओमकारनाथ ठाकुर, ज्योतिका रॉय, पंकज मलिक, जगमोहन, अल्लाह जिलाई बाई के रेयर गीतों के रिकॉड्र्स का कलेक्शन मौजूद है। हिन्दी फिल्मों के वो गाने जो फिल्मों के लिए बनाए तो गए लेकिन उन्हें फिल्मों में नहीं जोड़ा गया।

ऐसे गानों की भी एक लम्बी फेहरिस्त है। म्यूजिक के शौकीन यहां हमेशा से आते रहे है और अपनी पसंद का म्यूजिक उन्हें यहीं मिला है।

कुछ ऐसा है विटेंज कलेक्शन : नदीम रिजवी के कलेक्शन में रेडियो ग्रामोफोन, रिकॉर्ड प्लेयर, एम्पलीफायर के अलावा 4 अलग-अलग तरह के ग्रामोफोन रिकॉर्ड मौजूद हैं।

इसके अतिरिक्त :

78 आरपीएम जो मिट्टी और लाख के होते है ,45 आरपीएम ये प्लास्टिक के होते है,33 आरपीएम प्लास्टिक के होते है ।

सात हज़ार के करीब हैं ऑडियो रिकॉर्डस

समी के पास पुराने ई .पी.,एस. पी. के लगभग 7000 ऑडियो रिकॉर्डस जिसमें 33 आर पी एम,45 आर पी एम,78 आर पी एम का अनुपम संग्रह मौजूद है।

जिनमें बहुत सारे रेयर भी शामिल हैं जो शायद ही किसी और के पास मौजूद हों जिनमें मां और ममता, जाल, दिल्लगी, कहीं दिन कहीं रात, नाइट इन लंदन, मन की आंखें, युवराज, अपराध, द किलर, पाकीज़ा रंगबिरंग जैसे हर रिकॉर्ड की कीमत हजारों रूपये हो जाती है।

मोहम्म्द समी रफी बताते हैं कि मुझे यह रिकॉडर्स काफी मेहनत के बाद मिले हैं।दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, लखनऊ, अहमदाबाद, सूरत अमृतसर, इंदौर आदि शहरों में ढूंढकर इक्कठे किये हैं।

पुराने गानों के शौकीन करवाते हैं लाली भाई से

रामगंज के गु़लाम हुसैन उर्फ लाली भाई के पास अभी भी 3000 एल.पी रिकॉर्ड्स का कलेक्शन मौजूद है। यह पिछले 35 साल से इनको इक्ट्ठा कर रहे हैं। इन्होने बताया कि मेरे पास लगभग 200 रिकॉर्ड्स यूनीक हैं जिनकी डिमांड हर कोई करता है।

इसके अलावा राजस्थानी लोक संगीत के पुराने रेयर रिकॉर्ड्स का भी अच्छा खासा संग्रह कर रखा है।

आज भी किसी रिकॉर्ड का पता चलता है तो उसे खरीद कर ले आता हूं।शहर भर से पुराने गानों के शौकीन मुझसे गाने रिकॉर्ड करवाने आते रहते हैं।

मोहम्मद रफी के गानों का अनूठा संग्रह

सुभाष चौक के रहने वाले मोहम्मद समी के पास मोहम्मद रफी के गाए गीतों का विशाल संग्रह है। इनके पास रफी के छब्बीस भाषाओं में गाए पंद्रह हज़ार गीतों का कलेक्शन है।


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