चूंकि अभियान शुरू करने में अब महज केवल 2 दिन का समय बचा है। 14 नवंबर से 29 नवंबर तक महंगाई और पेट्रोल डीजल की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस का सभी जिलों, कस्बों और गांवों में जन जागरण अभियान शुरू किया जाएगा। ऐसे में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं नेताओं को चिंता इस बात की है कि अगर सरकार ने वैट की दरें कम नहीं की तो फिर जन जागरण अभियान पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है। कांग्रेसी कार्यकर्ता गांव-ढाणियों में जन जागरण अभियान को लेकर जनता के बीच किस प्रकार से जाएंगे?
कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सरकार से आशा
हालांकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सरकार से आशा है कि वे जन जागरण अभियान शुरू होने से पहले वैट की दरें कम कर सकती है। इसे लेकर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी लगातार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से वैट कम करने को लेकर चर्चा कर रहे हैं। पहले कहा जा रहा था कि वैट कम करने की घोषणा दिल्ली से की जा सकती है लेकिन दिल्ली में भी वैट को लेकर कोई चर्चा नहीं की, जिसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ता असमंजस में थे कि वैट की दरें कम होंगी या नहीं
अग्रिम संगठनों को मिली जन जागरण अभियान की जिम्मेदारी
दरअसल कांग्रेस के अग्रिम संगठनों एनएसयूआई, युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस और सेवा दल को गांव ढाणियों में जाकर एक पखवाड़े तक जन जागरण अभियान शुरू करना है। घर-घर जाकर लोगों को केंद्र की मोदी सरकार की गलत नीतियों और बढ़ती महंगाई को लेकर जागरूक करना है। साथ ही पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतों में हो रही बेतहाशा वृद्धि के विरोध में भी हस्ताक्षर अभियान शुरू करना है। ऐसे में कार्यकर्ताओं को चिंता इस बात की है कि अगर वैट की दरें काम नहीं किए तो फिर पेट्रोल डीजल और रसोई गैस की कीमतों के खिलाफ चलाए जाने वाले हस्ताक्षर अभियान को जनता का अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिल पाएगा।
विपक्ष ने भी उठाया लगातार सवाल
इधर विपक्ष भी लगातार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से वैट की दरें कम करने को लेकर सवाल कर रहा है। हाल ही में भाजपा ने पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने की मांग को लेकर जयपुर में आंदोलन भी किया था।
एक पखवाड़े तक चलेगा जन जागरण अभियान
महंगाई, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती दरों के खिलाफ कांग्रेस का जन जागरण अभियान एक पखवाड़े तक चलेगा। 14 नवंबर से 29 नवंबर तक जन जागरण अभियान शुरू किया जाएगा, जिसके तहत सभी जिलों, कस्बों, गांवों में पैदल मार्च, प्रभात फेरी, नुक्कड़ सभाएं और हस्ताक्षर अभियान के जरिए लोगों को केंद्र सरकार की गलत नीतियों की जानकारी दी जाएगी।