गौरतलब है कि राजस्थान में 5 महीने बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी इस चुनाव में जीतकर फिर से सरकार बनाने का दावा कर रही है। तो भाजपा भी किसी तरह की कसर नहीं छोड़ रही है। ऐसे में पिछले 4 साल से कांग्रेस में चल रही गुटबाजी को आलाकमान खत्म करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। सोमवार को कांग्रेस आलाकमान ने गहलोत और पायलट को बुलाकर सुलह भी कराने का दावा किया है।
अल्टीमेटम का वक्त आज होगा पूरा
इसी बीच पायलट और गहलोत अदावत के दौरान भ्रष्टाचार मामले की जांच के लिए दिया गया 31 मई यानी बुधवार को पायलट का अल्टीमेटम भी पूरा हो रहा है। यह अल्टीमेटम सरकार के खिलाफ आंदोलन का था। पायलट ने इसका ऐलान अपनी यात्रा के अंतिम दिन किया था। उन्होंने अपनी तीन मांगे पूरी करने के लिए सरकार को 15 दिन का समय दिया था।
लगातार बढ़ रहा है भ्रष्टाचार
सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि राजस्थान में पिछले एक वर्ष की तुलना में इस साल भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भाजपा की पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के वक्त वर्ष 2018 में भ्रष्टाचार के कुल 372 मामले सामने आए थे, जबकि अशोक गहलोत नीत मौजूदा कांग्रेस सरकार के पहले वर्ष 2019 में सरकारी अफसरों व कर्मचारियों के भ्रष्टाचार के मामलों की संख्या 445 हो गई है। जयपुर में सर्वाधिक 55 मामले पकड़े गए हैं। राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया की ओर से पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में राज्य सरकार ने वर्ष 2019-20 में भ्रष्टाचार के मामलों की जानकारी दी।