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गज़ल गायिका नेहा ने बांधा समां, गुलाबी नगर के गजल प्रेमियों का जीता दिल

जवाहर कला केन्द्र के रंगायन में गुरुवार को ‘शाम-ए-गज़ल‘ का कार्यक्रम आयोजित हुआ।

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गज़ल गायिका नेहा ने बांधा समां, गुलाबी नगर के गजल प्रेमियों का जीता दिल

जयपुर। जवाहर कला केन्द्र के रंगायन में गुरुवार को ‘शाम-ए-गज़ल‘ का कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में गायिका नेहा चारण ने एक से बढकर एक पंजाबी एवं उर्दू की सूफी एवं रूमानी गजलें पेश कर गुलाबी नगरी के गज़ल प्रेमियों की गुरुवार की शाम खास बना दी।

कार्यक्रम के दौरान फनकार ने अमीर खुसरो, निदा फाजली, गुलाम अली, बेगम नूरजहां, फरीदा खानम, हंस राज हंस, सज्जाद अली आदि की मशहूर गजलों और नगमों को पेश किया। इस कार्यक्रम में श्रोताओं का प्रवेश निशुल्क रहेगा।

नेहा ने बेहद ही सधे हुए सुरों में प्रसिद्ध गज़ले पेश कर समां बांधा। उन्होंने ‘तस्वीर बना के मैं तेरी जीवन दा बहाना लबया ये‘ (सज्जाद अली), ‘आज जाने की जिद ना करो‘ (फरीदा खानम) और ‘मेरे शौक दा नहीं एतबार तेनु‘ (गुलाम अली) गजलें पेश कर श्रोताओं का दिल जीत लिया। गज़लों के बीच-बीच में भी रंगायन हाल तालियों से गूंजता रहा।

इसी प्रकार फनकार द्वारा गाई गजल ‘वो मेरे कौनसे आलम मेहरबां ना मिले‘ एवं ‘जिन्हें देखने के लिए जा रहें हैं‘ (हंस राज हंस) और ‘मेरे दिल दे शीशे विच संजना‘ (बेगम नूरजहां) गज़लों को दर्शकों ने बेहद पसंद किया।

कार्यक्रम के आरम्भ में नेहा ने कहा कि जयपुर के गज़लप्रेमियों के समक्ष प्रस्तुति देते हुए वे बेहद प्रसन्न और उत्साहित हैं। गजल गायन उनके दिल के बेहद करीब है। यह अंदाज जयपुर के संगीत प्रेमियों को बेहद पसंद आएगा।


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