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परीक्षा देंगे और पढ़ेंगे स्वच्छता का पाठ

राजस्थान प्रारम्भिक शिक्षा परिषद ने प्रारम्भिक शिक्षा अर्जन कर रहे विद्यार्थियों में स्वच्छता की आदत का विकास करने व समझ बढ़ाने के लिए परीक्षा लेने की तैयारी कर ली है। परीक्षा में प्रारम्भिक शिक्षा के सभी विद्यालयों के कक्षा 4 से 8 तक के विद्यार्थी 5 फरवरी को आयोजित होने वाली स्वच्छता व स्वास्थ्य परीक्षा में भाग लेंगे। विद्यालय स्तर पर प्रथम दो स्थान प्राप्त करने वाले छात्र व छात्रा को 150 रुपए का नकद इनाम 10 फरवरी को प्रदान किया जाएगा।

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Abhishek Sharma

Jan 24, 2016

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए राजस्थान प्रारम्भिक शिक्षा परिषद ने भी कमर कस ली है। इसके लिए विभाग प्रारम्भिक शिक्षा अर्जन कर रहे विद्यार्थियों में स्वच्छता की आदत का विकास करने व समझ बढ़ाने के लिए परीक्षा लेने की तैयारी कर ली है। विभागीय सूत्रों के अनुसार इस परीक्षा में प्रारम्भिक शिक्षा के सभी विद्यालयों के कक्षा 4 से 8 तक के विद्यार्थी 5 फरवरी को आयोजित होने वाली स्वच्छता व स्वास्थ्य परीक्षा में भाग लेंगे। परीक्षा में विद्यालय स्तर पर प्रथम दो स्थान प्राप्त करने वाले छात्र व छात्रा को 150 रुपए का नकद इनाम 10 फरवरी को स्कूल में आयोजित एसएमसी बैठक के दौरान प्रदान किया जाएगा। विभाग का मानना है कि इस परीक्षा से बच्चो में जहां स्वच्छता की आदत का विकास होगा, वहीं बच्चे इस परीक्षा की तैयारी कर सफाई संबधी नई विधा सीखेंगे। इससे बच्चों के साथ-साथ अभिभावक भी स्वच्छता को लेकर जागरूक होंगे।
बाल वर्ग में रुचि पैदा करने का प्रयास
प्रत्येक विद्यालय में कक्षा 4 से 8 तक के बच्चे इस परीक्षा में भाग लेने के पात्र होंगे। परीक्षा में छात्रों को स्वास्थ्य, शरीर, उल्टी, दस्त रोग, गंदगी से फैलने वाली बीमारियों संबंधी प्रश्न पूछे जाएंगे। इन प्रश्न पत्रों की लिखित उत्तरों के अनुसार विद्यालय परीक्षा का परिणाम घोषित किया जाएगा। वरीयता में पहले दो स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्रा को एसएमसी की बैठक व कार्यक्रम में पुरस्कार प्रदान जाएगा।
विभाग ने उपलब्ध करवाई सामग्री
सर्व शिक्षा अभियान व प्रारंम्भिक शिक्षा विभाग की ओर से प्रत्येक विद्यालय में छात्र-छात्राओं की संख्या के अनुपात पर स्वच्छता व स्वस्थ्य विषय पर संदर्भ सामग्री की पुस्तकें नि:शुल्क उपलब्ध करवाई गई है। सूत्रों की मानें तो इसी पुस्तक से 5 फरवरी को होने वाली परीक्षा में प्रश्न पूछे जाएंगे। विद्यालयों ने इन पुस्तको का वितरण कर दिया गया है।
यह होगा फायदा
परीक्षा से बच्चे स्वच्छता से जुड़े सवालों के उत्तर भी आसानी से ढूंढ सकेंगे तथा परीक्षा सामग्री में दस्त, डायरिया, पेयजल, शौचालय, शरीर के अंगों की सफाई, हाथ धोने की कला सहित कई प्रकार के रोगों के लक्षण व रोग के बचाव के उपायों के बारे में बताया गया है। इससे बच्चों में विद्यालय तथा घर में स्वच्छता रखने का भाव पैदा होगा तथा शारीरिक रूप से स्वस्थ जीवन जीने की कला भी सीख सकेंगे। सूत्रों के अनुसार इस परीक्षा को प्रतियोगिता का रूप देने का मुख्य उद्देश्य बच्चों में गंदगी से होने वाले रोगों का रोकथाम करना है।
इनका कहना है...
विभाग की ओर से यह परीक्षा आयेाजित करने के आदेश मिले हैं। इसको लेकर सभी नोडल केन्द्रों के माध्यम से विद्यालयों में संदर्भ सामग्री भेज दी गई है तथा परीक्षा आयोजित करवाने के निर्देश दिए गए हैं।
दीपचन्द बुनकर बीईईओ गोविंदगढ़
परीक्षा से बच्चों में एक ओर जहां स्वच्छता की आदत का विकास होगा, वहीं संदर्भ सामग्री के माध्यम से बच्चों को गंदगी से होने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी मिलेगी।
अशोक दायमा, अध्यक्ष शिक्षक संघ (सियाराम)