
जयपुर। राजधानी आने वाले दो साल में सरकारी क्षेत्र का गोल्डन मेडिकल स्पॉट बनने जा रही है। सवाईमानसिंह मेडिकल कॉलेज से संबद्ध विभिन्न अस्पतालों में करीब 3 हजार नए बेड की सुविधा वाले भवन बनकर इस दौरान तैयार हो जाएंगे। इसके बाद मरीजों को तत्काल बेड नहीं मिलने की समस्या कम होने की संभावना है।
अकेले एसएमएस में 1200 बेड के नए आईपीडी टॉवर से यह सौगात मिलेगी। इस टॉवर का पहला चरण इसी वर्ष और दूसरा चरण अगले वर्ष में पूरा करने की तैयारी है। महिला चिकित्सालय में भी 500 बेड के 11 मंजिला आईपीडी टॉवर का कार्य शुरू हो चुका है, जिसमें 8 ऑपरेशन थियेटर और 50 आईसीयू बेड होंगे।
गणगौरी अस्पताल में 6 महीने में तीन मंजिल का 267 बेड सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक तैयार हो जाएगा। जिसमें ट्रॉमा सेंटर, आईसीयू, इमरजेंसी और मोर्चरी की सुविधा होगी। इन सुविधाओं के बाद इन दोनों अस्पतालों की क्षमता दोगुनी हो जाएगी। जयपुरिया में भी इसी साल नया ट्रॉमा सेंटर तैयार करने का दावा है। इनके बाद इमरजेंसी इलाज के लिए एसएमएस ट्रॉमा सेंटर पर निर्भरता कम हो जाएगी।
प्रताप नगर में बनेगी बोनमैरो यूनिट :
एसएमएस का भार कम करने के लिए प्रताप नगर में राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरयूएचएस) के अधीन आरयूएचएस अस्पताल बनाया गया। इसकी क्षमता करीब 1200 बेड की है। हालांकि इस विशाल भवन की तरफ मरीजों का रुझान शुरूआत में कम रहा। अब जो नए भवन बन रहे हैं, वो एसएमएस मेडिकल कॉलेज के अधीन ही बन रहे हैं। प्रताप नगर में ही स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट शुरू हो चुका है। यहां देश में सरकारी क्षेत्र की सबसे बड़ी बोनमैरो ट्रांसप्लांट यूनिट भी प्रस्तावित है।
Updated on:
18 May 2023 11:46 am
Published on:
18 May 2023 11:41 am
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