
सरकारी रसोड़ा मिड डे मील संचालित करने वाली कुक कम हैल्पर को अगले वित्तीय वर्ष से बढ़ा हुआ मानदेय मिलेगा। राज्य सरकार ने दस फीसदी राशि बढ़ाई है जो 1 अप्रेल 2024 से मिलेगी। ऐसे में अब कुक कम हैल्पर को प्रति माह 2143 रुपए का भुगतान होगा।
राज्य में सरकारी विद्यालयों में पहली से आठवीं तक के बच्चों को मिड डे मील दोपहर का भोजन दिया जाता है। राज्य व केन्द्र सरकार की महत्ती योजना के तहत स्कूल में मिलने वाले दोपहर के भोजन को पकाने के लिए कुक कम हैल्पर विद्यालयों में कार्यरत है। इनको हर माह मानदेय मिलता है। पचास बच्चों पर एक कुक कम हैल्पर की नियुक्ति होती है। जिले में करीब दस हजार कुक कम हैल्पर है जबकि प्रदेश में करीब 1 लाख 20 हजार हैं। इनको वर्तमान में 2003 रुपए प्रति माह मानदेय मिलता है। हाल ही में राज्य सरकार ने इनके मानदेय में दस फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान किया था जिसको लेकर आदेश जारी करते हुए अप्रेल 2024 के मानदेय से उक्त बढ़ोतरी लागू की है। ऐसे में अब इनको प्रति माह 2143 रुपए मिलेंगे। इसमें केंद्र से 600 रुपए, जबकि राज्य सरकार की ओर से 1543 रुपए दिए जाएंगे।
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दस माह ही मानदेय
कुक कम हैल्पर को शिक्षा सत्र में दस माह का ही मानदेय मिलता है। दिवाली के अवकाश व ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान पोषाहार नहीं बनने पर मानदेय नहीं मिलता है।
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काम अधिक, राशि कम
कुक कम हैल्पर का काम प्रतिदिन बच्चों के लिए मिड डे मील मैन्यू के अनुसार पोषाहार तैयार करना है। बच्चों के तादाद के अनुसार उक्त पोषाहार बनता है। अमूमन इसको बनाने में कुक कम हैल्पर को दो-तीन घंटे लगते हैं जबकि मानदेय अब तक मात्र दो हजार रुपए ही है।
Updated on:
14 Mar 2024 09:31 am
Published on:
14 Mar 2024 09:29 am
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