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खुशखबर: रियल एस्टेट के आए अच्छे दिन… नए घरों की बड़ी डिमांड

पिछले दस सालों से रियल एस्टेट सेक्टर अच्छे दिनों का इंतजार कर रहा है। इन सालों में रियल एस्टेट ने कई मुश्किलों का सामना किया है।

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खुशखबर रियल एस्टेट के आए अच्छे दिन, नए घरों की बड़ी डिमांड

खुशखबर रियल एस्टेट के आए अच्छे दिन, नए घरों की बड़ी डिमांड

पिछले दस सालों से रियल एस्टेट सेक्टर अच्छे दिनों का इंतजार कर रहा है। इन सालों में रियल एस्टेट ने कई मुश्किलों का सामना किया है। नोटबंदी, जीएसटी, रेरा और कोरोना महामारी ने पूरे सेक्टर को लंबे समय तक परेशान किया। हालांकि अब ऐसा लग रहा है कि रियल एस्टेट सेक्टर के अच्छे दिन आ गए हैं। हाल के दिनों में इस क्षेत्र में जोरदार मांग निकली है। क्रेडाई राजस्थान के अध्यक्ष धीरेंद्र मदान का कहना है कि कोरोना के बाद छोटे व मंझोले शहरों से अच्छी मांग निकलकर आने लगी है, जो बेहतर भविष्य का सबसे मजबूत इशारा है। नए घरों की जो डिमांड आ रही है, वह बड़े घरों की ज्यादा है।

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ब्याज दरों में बढ़ोतरी भी नहीं रोक पाई डिमांड

मदान ने कहा कि पिछले पांच सालों के दौरान नए घरों का साइज 7 फीसदी बढ़ा है। अब घरों का औसत साइज बढ़कर 1225 वर्गफीट तक हो गया है। हालांकि सेक्टर के लिए नया निवेश एक बड़ी समस्या बन गई थी, लेकिन अब इस मामले में भी दिक्कतें दूर होने लगी है। पिछले एक साल में रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में 2.50 फीसदी की वृद्धि की है, जिसके बाद लगभग सभी बैंकों ने होम लोन को महंगा किया है। लेकिन, सबसे अच्छी बात यह है कि ब्याज दरें बढ़ने के बाद भी नए घरों की मांग में कोई कमी नहीं आई है। महंगाई का ग्राफ धीरे—धीरे नीचे आ रहा है, जिससे आने वाले दिनों में बैंक ब्याज दरों में कमी कर सकता हैं। अगर ऐसर होता है, तो इसका सबसे बड़ा फायदा रियल एस्टेट क्षेत्र को ही होने वाला है।