
जयपुर।
पेगेसस जासूसी मामले में राजभवन के घेराव के दौरान कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा ने राज्यपाल कलराज मिश्र, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को लेकर विवादित बयान दिया है। इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने पलटवार किया और कहा कि इस मामले में कांग्रेस को ही प्रसंज्ञान लेना चाहिए। यह शब्द बोलने के योग्य है या नहीं।
उन्होंने कहा कि मुझे घोघरा की बुद्धि पर ही तरस आता है। मैं सोचता हूं कि गली का बच्चा भी गणेश घोघरा जैसा नहीं बोलेगा। कटारिया ने राजभवन घेराव पर भी सरकार पर हमला बोला और कहा कि जब राजस्थान के मुख्यमंत्री पिछली बार घोषणा कर चुके हैं कि लॉ एंड आॅर्डर बिगड़ेगा तो मेरी जिम्मेदारी नहीं होगी। फिर तो भगवान ही जिम्मेदार होगा। कटारिया ने केंद्रीय सुरक्षा बल लगाने के प्रश्न पर कहा कि यह राज्यपाल पर छोड़ना चाहिए।
राजस्थान के इतिहास का पहला उदाहरण
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि पीसीसी उपाध्यक्ष गोविन्द मेघवाल और युवा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गणेश घोघरा ने राज्यपाल के लिए एजेंट जैसे घृणित शब्द का प्रयोग करके लोकतांत्रिक परम्पराओं एवं संविधान का अपमान किया है। राजस्थान के इतिहास में पहला उदाहरण है जब संवैधानिक प्रमुख के भवन का घेराव और असंसदीय व अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया है। यह राजस्थान की सुस्थापित राजनीतिक संस्कृति पर कालिख पोतने के समान है। घोघरा का इस तरह बोलना कांग्रेस की निकृष्ट राजनीतिक संस्कृति की परिचायक है। सरकार के मंत्रियों ने राजभवन का घेराव करके संवैधानिक परम्पराओं के साथ काविड प्रोटोकॉल का भी उल्लंघन किया है।
Published on:
22 Jul 2021 06:41 pm
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