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सहकारी समितियों के माध्यम से ही वितरित होंगे सरकारी बीज

जयपुर. रजिस्ट्रार एवं प्रमुख शासन सचिव सहकारिता नरेश पाल गंगवार ने कहा कि किसानों को सरकारी बीज का वितरण केवल ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं क्रय विक्रय सहकारी समितियों के माध्यम से ही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी अनुदान पर प्रमाणिकृत बीज का फायदा किसानों को मिल सकें एवं बीज की कालाबाजारी जैसी संभावना को पूर्णतया समाप्त किया जा सके। इस निर्णय से राज्य में सहकारिता के ढ़ाचे को भी मजबूती मिलेंगी।

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Government seeds will be distributed only through cooperative societie

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जयपुर. रजिस्ट्रार एवं प्रमुख शासन सचिव सहकारिता नरेश पाल गंगवार ने कहा कि किसानों को सरकारी बीज का वितरण केवल ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं क्रय विक्रय सहकारी समितियों के माध्यम से ही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी अनुदान पर प्रमाणिकृत बीज का फायदा किसानों को मिल सकें एवं बीज की कालाबाजारी जैसी संभावना को पूर्णतया समाप्त किया जा सके। इस निर्णय से राज्य में सहकारिता के ढ़ाचे को भी मजबूती मिलेंगी।

गंगवार शनिवार को सहकार भवन में सहकारिता एवं कृषि विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिये कि राजस्थान बीज निगम के माध्यम से बीज की आपूर्ति सहकारी संस्थाओं को की जाएं। उन्होंने कहा कि बीज उत्पादन के लिए भी ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं क्रय विक्रय सहकारी समितियों को तैयार किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिये कि इसके लिए बीज निगम एवं सहकारी समितियों के मध्य एमओयू किया जाएं।

रजिस्ट्रार ने कहा कि बदलते दौर में सहकारी समितियों के कार्यो में विविधता लाना आवश्यक है तथा नए तरीके से सोचते हुए ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं क्रय विक्रय सहकारी समितियों को आपस में लिंक कर नई कार्ययोजना के साथ इन्हें आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति वर्ष 2019 में जारी की है। जिसका फायदा ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं क्रय विक्रय सहकारी समितियों को मिलना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों में वेयरहाउस निर्माण, प्लेज ऋण की सुविधा से जोड़ा जाए तथा ऑर्गेनिक उत्पादोंं को सहकारी समितियों से लिंक कर किसान को वास्तविक फायदा दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों को खाद-बीज के व्यवसाय सेे ऊपर उठाना होगा तथा उन्हें व्यावसायिक खरीद के रूप में विकसित कर वेयरहाउस को मण्डी सबयार्ड के रूप में दर्जा दिलाने हेतु समितियों को आगे लाना होगा।

गंगवार ने कहा कि किसान को उपज बेचान की खेत एवं गांव के पास नजदीक व्यवस्था मिल सके इसके लिए केवीएसएस को वेयरहाउस से लिंक किया जाएगा। उन्होेंने कहा कि राज्य कि जीएसएस एवं केवीएसएस को बड़े कस्टम हायरिंग सेन्टर के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होेंने निर्देश दिये कि सहकारी समितियों में प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए जिलेवार ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं क्रय विक्रय सहकारी समितियों का चयन किया जाए ताकि सरकार द्वारा दिये जा रहे अनुदान का लाभ मिल सके एवं कृषि निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके।

उन्होंनेे बताया कि किसानों द्वारा उत्पादन किया जा रहा है लेकिन उत्पादन अनुरूप आय में अन्तर होने से किसानों को उनके द्वारा किये जा रहे उत्पादन का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। कृषि प्रोसेसिंग में योगदान कम होने के कारण किसान पूर्णतया लाभान्वित होने से वंचित है। उन्होंने निर्देश दिये कि सहकारी समितियों के साथ किसानों के सुदृढ़ीकरण की योजनाओं को पर कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि कृषि एवं सहकारिता विभाग में बेहतर तालमेल से किसानों की आय में वृद्धि संभव है।

गंगवार ने कहा कि सहकारी भर्ती बोर्ड ने सीनियर मैनेजर के 6, मैनेजर के 114, कम्प्यूटर प्रोग्रामर के 10 एवं स्टेनोग्राफर के 3 पदों पर परिणाम घोषित कर दिया है। उन्होंने निर्देश दिये कि संबंधित बैंकों को निर्देशित किया जाए कि चयनित 133 अभ्यर्थियों को शीघ्र नियुक्ति दी जाए।

बैठक में आयुक्त कृषि ओमप्रकाश, अतिरिक्त रजिस्ट्रार (प्रथम) रश्मि गुप्ता, मार्केंटिंग बोर्ड के प्रबंध निदेशक ताराचंद, वित्तीय सलाहकार जुगल किशोर, अतिरिक्त रजिस्ट्रार (द्वितीय) जी एल स्वामी सहित सहकारिता एवं कृषि अधिकारी उपस्थित रहे।