
जयपुर। Govind Dev Ji Temple Open: अपने आराध्य के दर्शनों के लिए टकटकी लगाए भक्तों की लंबी कतारें और राधे-कृष्ण की स्वरलहरियों से गूंजता मंदिर परिसर। ऐसा ही नजारा 257 दिन बाद शहर आराध्य गोविंद देवजी मंदिर में आज सुबह देखने को मिला।
सुबह 7.45 बजे दर्शन खुलने से पूर्व ही मुख्य द्वार और जयनिवास उद्यान के प्रवेश द्वार पर 30 मिनट पहले ही भक्तों की कतारें लगना शुरू हो गईं। धीरे-धीरे समय बढऩे के साथ ही भक्तों की आवाजाही नजर आई। मास्क लगाने, थर्मल स्क्रीनिंग व आयुर्वेदिक सैनेटाइजेशन के इस्तेमाल के बाद भक्तों को प्रवेश दिया गया। मंदिर में सामाजिक दूरी की पालना के लिए भक्तों से अपील की गई। गोविंद देवजी मंदिर में सुबह 7.45 से दोपहर 12 बजे और शाम 4 से 6.30 बजे तक भक्त दर्शन कर सकेंगे।
भक्तों के मन में अलग ही उत्साह ठाकुर जी के दर्शनों के दौरान देखने को मिला। भक्तों ने कहा कि ठाकुर जी के दर्शन कर मन में अलग ही अनुभूति का एहसास हो रहा है। प्रभु के समक्ष हाथ जोड़कर भक्त कोरोना महामारी को जल्द से जल्द खत्म करने की कामना करते नजर आए, ताकि पहले जैसी रौनक शहर आराध्य के दरबार में देखने को मिले। मंदिर में लगभग 60 फीट दूरी से भक्तों ने दर्शन किए। वहीं आमेर स्थित शिला माता मंदिर में भक्त सुबह 7 से दोपहर 12 बजे तक व शाम 4 से 6 बजे तक माता रानी के दर्शन कर सकेंगे।
नाइट कर्फ्यू के मद्देनजर हुआ बदलाव
नाइट कर्फ्यू के चलते भक्तों का मंगला और शयन झांकी में प्रवेश वर्जित रहेगा। मंदिर प्रबंधक मानस गोस्वामी ने बताया कि मंदिर से आने-जाने वाले मुख्य प्रवेश द्वार और अन्य गेट के बाहर आर्युेवेदिक सैनेटाइजर व थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है। साथ ही भक्तों से कम समय में दर्शन करने की अपील की गई। जलेब चौक मुख्य द्वार से भक्तों का प्रवेश हैं।
चार लाइनों से प्रवेश दिया गया है। जयनिवास बाग से होते हुए दो लाइन से भक्त आ रहे हैं। भक्तों ने लगभग 60 फीट दूरी के साथ ही दो गज की दूरी बनाकर नियमानुसार दर्शन किए। भक्त परिक्रमा फिलहाल नहीं लगा सके। तुलसी, प्रसाद और चंदन का वितरण नहीं हुआ। मंदिर के सामने वाले रास्ते पर पार्किंग नहीं की गई। वाहनों की पार्किंग गुरुद्वारे के सामने और जलेबी चौक में रहेगी।
व्यवस्था को पुख्ता करना चुनौतीपूर्ण
गोविंद देव जी मंदिर राजधानी का सबसे बड़ा मंदिर है। लॉकडाउन से पहले रोजाना औसतन यहां 15 हजार के आस-पास भक्त सुबह-शाम दर्शनों के लिए पहुंचते थे। कोरोना के मद्देनजर लॉकडाउन लगने के बाद 18 मार्च को ग्वाल झांकी के बाद से मंदिर आम भक्तों के लिए बंद था।
Updated on:
01 Dec 2020 02:06 pm
Published on:
01 Dec 2020 10:13 am
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