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ग्रेटर निगम: महंगी सफाई पर रार, नए सिरे से होगी प्रक्रिया! उप-महापौर ने उठाए सवाल

ग्रेटर नगर निगम की नई कचरा संग्रहण व्यवस्था शुरू होने से पहले ही विवादों में फंस गई है। ऐसा माना जा रहा है कि अब व्यवस्था में और बदलाव किए जाएंगे। क्योंकि जो प्रक्रिया अब तक अपनाई गई है वो काफी महंगी है। इसमें एक हूपर का प्रतिमाह औसत किराया 1.36 लाख रुपए आंका गया था। विद्याधर नगर में तो 1.86 लाख रुपए एक हूपर का किराया तय हुआ था। इसीलिए इसे लागू होने से पहले ही बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो गई।

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ग्रेटर निगम: महंगी सफाई पर रार, नए सिरे से होगी प्रक्रिया! उप-महापौर ने उठाए सवाल

ग्रेटर निगम: महंगी सफाई पर रार, नए सिरे से होगी प्रक्रिया! उप-महापौर ने उठाए सवाल

जयपुर। ग्रेटर नगर निगम की नई कचरा संग्रहण व्यवस्था शुरू होने से पहले ही विवादों में फंस गई है। ऐसा माना जा रहा है कि अब व्यवस्था में और बदलाव किए जाएंगे। क्योंकि जो प्रक्रिया अब तक अपनाई गई है वो काफी महंगी है। इसमें एक हूपर का प्रतिमाह औसत किराया 1.36 लाख रुपए आंका गया था। विद्याधर नगर में तो 1.86 लाख रुपए एक हूपर का किराया तय हुआ था। इसीलिए इसे लागू होने से पहले ही बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो गई।

महंगी कचरा व्यवस्था पर उप महापौर पुनीत कर्णावट ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने नोटशीट में लिखा है कि निविदा प्रक्रिया को रोका जाए और नई व्यवस्था की जाए। ताकि, इसमें पारदर्शिता रहे। कर्णावट ने लिखा है कि निगम का यह सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्य है। साधारण सभा और कार्यकारिणी समिति की बैठक में जो निर्णय हुए, इसके विपरीत जाकर निविदा आवंटन का कार्य किया जा रहा है।


हूपर का किराया नहीं उतर रहा गले

-हैरिटेज नगर निगम में एक हूपर का औसत किराया 38 हजार रुपए प्रतिमाह है। ग्रेटर के यह किराया एक लाख रुपए से अधिक है। यही वजह है कि यह व्यवस्था किसी के गले नहीं उतर रही।

-विद्याधर नगर जोन में प्रति हूपर 1.86 लाख रुपए, सांगानेर में 1.68 लाख रुपए, मानसरोवर में 1.21 लाख रुपए, झोटवाड़ा में 1.17 लाख रुपए और जगतपुरा जोन में 1.10 लाख रुपए प्रति माह निर्धारित किया है।

उप महापौर ने सवाल ये सवाल

- जब एक फर्म को तीन से अधिक जोन नहीं दिए जाने का निर्णय हो चुका था तो इस फैसले को किस स्तर पर विलोपित किया गया।

-कचरा संग्रहण पर सालाना 50 करोड़ रुपए से अधिक का खर्चा होगा। इसके बाद भी वित्त समिति की स्वीकृति क्यों नहीं ली गई।

मांगी है तथ्यात्मक रिपोर्ट

संबंधित अधिकारियों से इस मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट आने के बाद इस निविदा का भविष्य तय होगा। गलत तरीके से टेंडर हुए हैं तो उसको निरस्त किया जाएगा।

-सौम्या गुर्जर, महापौर

चहेतों को फायदा पहुंचाने की कोशिश

इंदौर और सूरत में एक दल भेजकर वहां स्टडी करवानी चाहिए और व्यवहारिकता को समझना चाहिए। अब तक की जो टेंडर प्रक्रिया हुई है, उससे लग रहा है कि चहेते को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है।

-पुनीत कर्णावट, उप महपौर