राजस्व अधिकारी देवानंद शर्मा ने बताया कि इस कार्रवाई में निगम को करीब 47 लाख रूपए का राजस्व प्राप्त हुआ। केसी डेकोर भवन स्वामी ने मौके पर ही 30.83 लाख रुपए जमा करवाए। वहीं अमेजन ने 10.21 लाख और ईंदाता मैरिज गार्डन संचालक की ओर से छह लाख रुपए जमा करवाए गए।
बड़े बकाएदारों पर सख्ती
इस वित्तीय वर्ष के अंत तक दोनों शहरी सरकारें करीब 60 करोड़ रुपए राजस्व वसूली का लक्ष्य लेकर चल रही हैं। हालांकि, अब तक 40 करोड़ रुपए दोनों निगम वसूल कर चुके हैं। राजस्व शाखा के अधिकारियों की मानें तो 75 करोड़ रुपए का लक्ष्य कम्पनी को दिया गया है, लेकिन 100 करोड़ रुपए का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।
हाल ही में दोनों नगर निगमों के साथ नगरीय विकास कर वसूल करने वाली कम्पनी स्पैरो के प्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई। इसमें साफ कर दिया कि बड़े बकाएदारों पर सख्ती अपनाते हुए वसूली की जाए। जोन वाइन बड़े बकाएदारों की सूची तैयार करवाई जा रही है। इसमें एक से तीन लाख, दूसरे चरण में तीन से पांच और तीसरे चरण में पांच से 10 लाख और उसके बाद 10 लाख से अधिक टैक्स बकाएदारों पर कार्रवाई की जाएगी।
जिस स्पैरो कम्पनी को निगम ने सर्वे से लेकर नगरीय विकास कर वसूली का काम दिया था। कम्पनी को एक वर्ष से अधिक काम करते हुए हो गया, लेकिन अब तक सर्वे का काम गति नहीं पकड़ पाया है। अब तक कम्पनी ग्रेटर नगर निगम में 1.5 लाख और हैरिटेज नगर निगम में 71 हजार का ही सर्वे कर पाई है। जबकि, कम्पनी को पहले वित्तीय वर्ष में 3.60 सर्वे करने थे।