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एक्सपोर्ट डिमांड से 44 फीसदी बढ़ी ग्वार गम की कीमतें

10,000 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास बिकने लगा...

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guar gum

जयपुर। एक्सपोर्ट डिमांड निकलने से ग्वार एवं ग्वार गम में इन दिनों जोरदार तेजी का रुख बना हुआ है। एक सप्ताह के दौरान जोधपुर डिलीवरी ग्वार गम 400 रुपए उछलकर वर्तमान में 10,000 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास बिकने लगा है। इसी प्रकार ग्वार सीड के भाव 150 रुपए की तेजी लेकर 4500 रुपए प्रति क्विंटल के करीब पहुंच गए हैं। कारोबारी राजेश जैन ने बताया कि ग्वार गम एक्सपोर्ट ओरियंटेड कमोडिटी है, इसकी निर्यात मांग बढ़ने से कीमतों में मजबूती आती है। कमोडिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि वर्ष 2017 की तरह चालू साल में भी ग्वार गम की कीमतों को सपोर्ट मिलता दिख रहा है। गौरतलब है कि वर्ष 2017 में अप्रैल से नवंबर के बीच ग्वार गम का एक्सपोर्ट 42 फीसदी बढ़कर 3.21 लाख टन पहुंच गया, जबकि पूर्व वर्ष में समान अवधि के दौरान ग्वार गम का निर्यात 2.26 लाख टन था।

एक साल में 44 फीसदी बढ़ी कीमतें

कमोडिटी एक्सपर्ट्स के मुताबिक खासतौर से अमेरिका में ऑयल रिग्स में बढ़ोतरी से ग्वार गम की मांग बढ़ी है। वर्ष 2017 में अमेरिका में ऑयल रिग्स की संख्या 41 प्रतिशत बढ़कर 747 हो गई है। इस वजह से 2017 में ग्वार की कीमतें 43.76 प्रतिशत बढ़ गईं। बता दें ऑयल रिग्स में ग्वार गम की खपत अधिक होती है। इधर फूड इंडस्ट्री में खासकर चॉकलेट मेकिंग में ग्वार गम का इस्तेमाल ज्यादा होता है। देश में चॉकलेट की मांग बढ़ने से ग्वार गम की खपत बढ़ेगी। मांग में इजाफा होने से ग्वार व ग्वार गम के भावों में तेजी आएगी।

जिस प्रकार विदेशों में ग्वार गम की मांग बढ़ रही है, उसके मुकाबले भारत में ग्वार का उत्पादन नहीं हो पाया है। लिहाजा ग्वार व ग्वार के भावों में और तेजी के आसार बन सकते हैं।

बाबूलाल गुप्ता, चेयरमैन राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ

मंडी न्यूज

खाद्य तेलों का सेमिनार ग्लोब ऑयल एक फरवरी से खाद्य तेलों के संबंध में अंतरराष्ट्रीय स्तर का सेमिनार ग्लोब ऑयल 2018 एक फरवरी को नई दिल्ली में होने जा रहा है। इस तीन दिवसीय सेमिनार में देश-विदेश के खाद्य तेलों के करीब 2500 प्रमुख उत्पादक, निर्यातक एवं आयातक हिस्सा लेंगे। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता एवं संयोजक मनोज मुरारका ने बताया कि इस संगोष्ठी में पतंजलि एवं अडानी विल्मार जैसी कंपनियों के प्रतिनिधि शिरकत करेंगे। मणिशंकर ऑयल्स प्रालि. के एमडी मुरारका ने कहा कि यह सेमिनार सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन एसोसिएशन एवं टैफला के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हो रहा है। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ समारोह का सह प्रायोजक है। संगोष्ठी में सरसों तेल उद्योग पर अलग से सेसन आयोजित किया गया है। राजस्थान से लगभग 150 डेलिगेट्स संगोष्ठी में हिस्सा ले रहे हैं।

बिकवाली दबाव से चने में गिरावट जारी
उत्पादन केन्द्रों पर इस बार चने की बंपर पैदावार होने के समाचार हैं। यही कारण है कि चने की कीमतों में निरंतर गिरावट का रुख देखा जा रहा है। स्टॉकिस्टों की बिकवाली के चलते जयपुर मंडी में मिल डिलीवरी चना 200 रुपए लुढ़ककर 3850 रुपए प्रति क्विंटल बिक गया। मुंबई पोर्ट पर इसके भाव 3650 रुपए प्रति क्विंटल पर घटाकर बोले गए। सिंघल दाल मिल के कमल अग्रवाल ने बताया कि महाराष्ट्र में 10 हजार बोरी चना प्रतिदिन मंडियों में आ रहा है। मध्य प्रदेश की हरदा आदि मंडियों में नए चने की सीमित आवक शुरू हो गई है, जबकि राजस्थान का नया चना मार्च में आने की संभावना है। जानकारों का कहना है कि अच्छी पैदावार को देखते हुए इस बार राजस्थान की मंडियों में लूज चना 3000 रुपए प्रति क्विंटल बिकने का अनुमान है।