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गुजरात ग्राउंड रिपोर्ट: देश की नजरें गुजरात पर, भाजपा की प्राथमिकता बना उत्तर गुजरात, जानिए समीकरण

Gujarat Election Ground Report: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहराज्य में चुनाव हैं इसलिए यह निगाहें और कड़ी हैं। राजनीति के सभी पंडित इन चुनावों पर टकटकी लगाए बैठे हैं।

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जयपुर

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Hiren Joshi

Nov 22, 2022

Gujarat Election Ground Report: North Gujarat Is Priority For BJP

गुजरात ग्राउंड रिपोर्ट: देश की नजरें गुजरात पर, भाजपा की प्राथमिकता बना उत्तर गुजरात, जानिए समीकरण

हीरेन जोशी
गांधीनगर। देश में अगले लोकसभा चुनाव 2024 में है। आम चुनाव से पहले पहले गुजरात में हो रहे विधानसभा चुनाव देश की राजनीति के हिसाब से सबसे महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। क्योंकि इसी गुजरात के मॉडल से भाजपा ने पूरे देश में सिक्का जमाया है। ऐसे में इस समय देश भर की निगाहें गुजरात पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहराज्य में चुनाव हैं इसलिए यह निगाहें और कड़ी हैं। राजनीति के सभी पंडित इन चुनावों पर टकटकी लगाए बैठे हैं। लगातार 27 साल से गुजरात में भाजपा का दबदबा है। ऐसे में विपक्ष खासकर कांग्रेस यहां सत्ता में आने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है। इस बीच इस चुनाव में आम आदमी पार्टी भी 27 साल के भाजपा राज को ललकार रही है। क्षेत्रीय रूप से गुजरात को सौराष्ट्र, मध्य, दक्षिण एवं उत्तर गुजरात में बांटा जाता है।

जब देश की निगाहें गुजरात पर हैं तो भाजपा की नजर उत्तर गुजरात पर है। हम इस बार चुनावी चर्चा करेंगे उत्तर गुजरात के 6 जिलों की 32 सीटों की। यहां चुनाव दूसरे चरण में 5 दिसम्बर को है। खास बात ये भी है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के जन्म स्थान और मूल विधानसभा क्षेत्र भी उत्तर गुजरात में हैं। प्रधानमंत्री का घर मेहसाणा जिले के वडऩगर में है तो गृहमंत्री अमित शाह का बचपन गांधीनगर जिले के मानसा में बीता है। यहीं उनका पैतृक निवास है। ऐसे में उत्तर गुजरात भाजपा के लिए और भी महत्वपूर्ण है। जबकि कांग्रेस की उम्मीद यहां सबसे ज्यादा है।

जहां पहला कमल खिला वहां अब लग रहा जोर

भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के बाद लोकसभा का पहला कमल उत्तर गुजरात में ही खिला था। भाजपा गठन के बाद जब 1984 में पहला चुनाव लड़ा था तब पूरे देश में मात्र दो सीटें जीती थी तो उनमें से एक सीट उत्तर गुजरात से थी। तब भाजपा ने मेहसाणा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा ने परचम फहराया था। सत्तारूढ़ भाजपा का पूरे गुजरात में दबदबा रहता है। पर यह पकड़ उत्तर गुजरात में आकर कुछ कमजोर हो जाती है। पिछले दो विधानसभा चुनाव इस कमजोर पकड़ के गवाह हैं। गांधीनगर, मेहसाणा, बनासकांठा, साबरकांठा और अरावली जिले उत्तर गुजरात में आते हैं। यहां राजनीति शेष गुजरात से अलग है।

भाजपा की गुजरात में लगातार सरकार बना रही है पर उत्तर गुुजरात में 2012 और 2017 के चुनावों में कांग्रेस का दबदबा रहा। क्षेत्र के 6 जिलों में पिछले चुनाव में 4 में कांग्रेस को तो 2 में भाजपा को बढ़त मिली थी। अरावली जिले में तो भाजपा का एक दशक से खाता भी नहीं खुल पाया था। प्रधानमंत्री इस चुनाव में उत्तरगुजरात को विशेष तव्वजो दे रहे हैं। चुनावों की घोषणा से पहले ही यहां कार्यक्रम शुरू हो गए थे। उन्होंने 30 सितम्बर को अम्बाजी में सितम्बर में अम्बाजी-तारंगा-आबूरोड रोड रेललाइन प्रोजक्ट की आधारशिला रखी। उसी दिन वहां से आवास, सड़क निर्माण और रेलवे के करीब 7200 करोड़ रुपए की योजनाओं की आधारशिला रखी। अम्बाजी में रोड शो भी किया। यह उत्तरगुजरात ही नहीं पूरे गुजरात की आस्था का प्रमुख केंद्र है। प्रधानमंत्री ने इसलिए पूरे उत्तरगुुजरात को साधते हुए इस बात पर जोर दिया है कि मेहसाणा के धरोई बांध से अम्बाजी तक के क्षेत्र के स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की तर्ज पर विकसित करना चाहते हैं। बनासकांठा जिला मुख्यालय पर पालनपुर में 24 नवम्बर को प्रधानमंत्री की बड़ी सभा है। इसकी तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं।

हालांकि 2017 के चुनाव के बाद यहां समीकरणों में दिन रात का अंतर आया है। कांग्रेस से जीते कई विधायक आज भाजपा के पाले में हैं। जबकि यहां के कई दिग्गज भाजपाई इस बार चुनाव मैदान से बाहर हैं। उत्तर गुजरात में कांग्रेस पिछली बढ़त को बरकरार रखना चाह रही है। ऐसे में भारत जोड़ो यात्रा के बीच में गुजरात आ रहे राहुल गांधी का उत्तर गुजरात आना भी तय है। पिछली बार भी यहां उनकी सभाएं हुई थी। आम आदमी पार्टी का यहां आदिवासी क्षेत्रों में उम्मीद है। आप यहां कांग्रेस को नुकसान पहुंचाएगी। ऐसे में भाजपा को लाभ भी हो सकता है। भाजपा को यहां पाटण, मेहसाणा और गांधीनगर में बढ़त की पूरी उम्मीद है। जबकि बनासकांठा, साबरकांठा और अरावली के त्रिकोणीय संघर्ष से भी वह लाभ लेना चाह रही है।

कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि पूरे उत्तर गुजरात में इस बार पिछले दो चुनावों से अच्छा प्रदर्शन होगा। गुजरात में कांग्रेस के चीफ ऑब्जर्वर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं। गहलोत उत्तरगुजरात में विशेष ध्यान दे रहे हैं और राजस्थान से लगते क्षेत्रों में सोशल इंजीनियरिंग के हिसाब से नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है। यहां खुद गहलोत सभाएं कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी को लेकर लोगों का यहां रुझान शेष गुजरात की तुलना में कम है। बनासकांठा और साबरकांठा में पार्टी को खाता खुलने की उम्मीद है। आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री चेहरे ईशुदान गढ़वी और सर्वोच्च नेता अरविंद केजरीवाल उत्तर गुजरात में कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। आप की चुनावी चौसर के हिसाब से अरावली जैसे आदिवासी जिलों, दांता सहित आदिवासी बहुल विधानसभा क्षेत्रों में आप भाजपा के लिए मुसीबत खड़ी कर सकती है।

- 6 जिलों की 32 सीटें हैं यहां

- दो चुनाव से भाजपा पिछड़ रही यहां

- मोदी - शाह का पैतृक घर है इसी क्षेत्र में

- कई क्षेत्रीय कांग्रेस विधायकों ने थामा का दामन

- अम्बाजी से मोदी ने शुरुआत की प्रचार की

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उत्तर गुजरात - कुल सीट 32

2017 : भाजपा 14 कांग्रेस 18
2012 : भाजपा 13 कांग्रेस 19