
Guru Pushya Yog Pushya Nakshatra New Year Shubh Yog 2021
जयपुर. 31 दिसंबर का दिन ज्योतिषीय नजरिए से बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन जहां हिंदू पंचांग के दसवें माह पौष माह की शुरूआत हो रही है वहीं सन 2020 की विदाई भी हो रही है। पौष माह का प्रारंभिक दिन और साल 2020 का अंतिम दिन अनेक शुभ संयोगों के साथ आया हैै। इससे गुरूवार की अहमियत काफी बढ़ गई हैै।
ज्योतिषाचार्य पंडित एमकुमार शर्मा बताते हैं कि 31 दिसंबर को पौष का महीना प्रारंभ हो रहा है जोकि बेहद शुभ माना जाता है। यह माह सूर्य पूजा के लिए जाना जाता हैै। खास बात यह है कि पौष माह की शुरूआत गुरू पुष्य योग से हो रही है जिसने इसकी शुभता बढ़ा दी हैै। पुष्य नक्षत्र शनि का नक्षत्र है और गुरूवार के दिन आने से इसे गुरू पुष्य योग कहा जाता है। पुष्य नक्षत्र को तिष्य अर्थात अति शुभ परिणामकारी बताया गया है।
इस योग में देवगुरू बृहस्पति और न्याय के देवता शनि दोनों के शुभ फल प्राप्त होते हैं। देवगुरू जहां भाग्य के कारक हैं वहीं शनि कर्मफलदाता हैं। ऐसे में यह योग पूजा-अर्चना-साधना के लिए श्रेष्ठ बन जाता हैं। गुरू पुष्य योग में देवगुरू बृहस्पति की उपासना से जहां भाग्य का साथ मिलता है वहीं शनि की आराधना शुभ और स्थायी फल देती है। 31 दिसंबर को पुष्य नक्षत्र शाम 7. 49 बजे से 1 जनवरी तक रहेगा। इस तरह आखिरी दिन गुरुपुष्य योग बन रहा है।
गुरुपुष्य योग में साधना के साथ ही कीमती वस्तुओं की खरीदारी और निवेश आदि करना शुभ होता है। इसके साथ ही नए साल के पहले सन 2020 के अंतिम दिन अन्य शुभ योग भी बन रहे हैं. ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग भी बना है। नाम से ही स्पष्ट है कि सर्वार्थसिद्धि योग में शुरू किए गए सभी काम सफल होते हैं. इसके साथ ही आज अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है जिसे काफी अच्छा माना जाता है।
31 दिसंबर के शुभ योग
सर्वार्थ सिद्धि योग- पूरे दिन रहेगा।
अमृत सिद्धि योग- शाम 07. 49 बजे से अगले दिन शुक्रवार को सुबह 07. 14 बजे तक।
गुरु पुष्य योग- शाम 07. 49 बजे से अगले दिन शुक्रवार को सुबह 07. 14 बजे तक।
Updated on:
31 Dec 2020 11:36 am
Published on:
31 Dec 2020 11:35 am
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