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हार्मोन्स बदलाव से पुरुषों में गाइनेकोमेस्टिया की समस्या

कई बार हार्मोन्स के अधिक या कम सक्रिय होने के कारण व्यक्ति में कुछ ऐसे बदलाव हो जाते हैं, जिसके कारण पीडि़त व्यक्ति न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी प्रभावित हो जाता है। ऐसी ही एक समस्या है गाइनेकोमेस्टिया (gynecomastia), जिसमें पुरुषों में ब्रेस्ट विकसित हो जाते हैं और इससे पुरुष में गंभीर मनोवैज्ञानिक समस्याएं होने लगती हैं। कॉस्मेटिक सर्जरी से पा सकते हैं निजात, जी सकते हैं सामान्य जीवन

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हार्मोन्स बदलाव से पुरुषों में गाइनेकोमेस्टिया की समस्या

हार्मोन्स बदलाव से पुरुषों में गाइनेकोमेस्टिया की समस्या

जयपुर| हार्मोन्स हमारे शरीर की बनावट सहित कई जगहों पर काफी महत्वपूर्ण कारक होते हैं। कई बार हार्मोन्स के अधिक या कम सक्रिय होने के कारण व्यक्ति में कुछ ऐसे बदलाव हो जाते हैं, जिसके कारण पीडि़त व्यक्ति न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी प्रभावित हो जाता है। ऐसी ही एक समस्या है गाइनेकोमेस्टिया, जिसमें पुरुषों में ब्रेस्ट विकसित हो जाते हैं और इससे पुरुष में गंभीर मनोवैज्ञानिक समस्याएं होने लगती हैं। हालांकि इस समस्या को कॉस्मेटिक सर्जरी से बिल्कुल ठीक किया जा सकता है।

विशेषज्ञों के अनुसार गाइनेकोमेस्टिया की समस्या पुरुषों में होने वाली हार्मोन्स की गड़बड़ी से होता है। इससे पुरुषों के स्तनों में बढ़ोतरी हो जाती है। प्लास्टिक सर्जन डॉ. सुनीश गोयल ने बताया कि आमतौर पर यह समस्या तब होती है जब बच्चे युवावस्था में आते हैं। हालांकि यह कोई गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन इस स्थिति से उबरना मुश्किल होता है।

कास्मेटिक सर्जरी से सफल उपचार

गाइनेकोमेस्टिया होने पर व्यक्ति को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। इसे कॉस्मेटिक सर्जरी के जरिए जड़ से ठीक किया जा सकता है। ऑपरेशन का प्रकार गाइनेकोमेस्टिया की स्थिति पर तय किया जाता है। सामान्यतया लिपोसक्शन से बढ़ी हुई चर्बी को निकाल ली जाती है और एंडोस्कोपी की सहायता से छोटा चीरा लगाकर प्रभावित जगह बढ़े ग्लैंड्यूलर टिश्यु छांट दिए जाते हैं। पहले पारंपरिक सर्जरी में मरीज को 7-8 सेमी लंबा चीरा लगाकर सर्जरी की जाती थी, जिसमें अधिक रक्तस्त्राव, कम सफलता दर, वापस से उभार विकसित होने, सर्जरी से अधिक दर्द जैसी कई सीमितताएं थीं। लेकिन अब यह मिनिमल इनवेसिव सर्जरी से की जाने लगी है, जिसमें एक सेमी से भी कम चीरा लगाकर सर्जरी की जाती है और मरीज के सर्जरी वाली जगह न के बराबर निशान रहता है। सर्जरी के बाद मांसपेशियों की शेप अच्छी आती है और स्किन की टोनिंग भी कहीं बेहतर होती है। मिनिमल इनवेसिव सर्जरी से मरीज जल्दी रिकवर हो जाता है।