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जयपुर। Toll Tax In Rajasthan: राजस्थान में स्टेट हाईवे पर निजी वाहनों को फिर से टोल देना होगा। गहलाेत सरकार ने निकाय चुनाव से पहले वसुंधरा सरकार का एक और फैसला पलटते हुए स्टेट हाईवे पर फिर से टोल लगाने का फैसला किया है। बुधवार को सरकार ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के प्रस्ताव पर कैबिनेट सर्कुलेशन के जरिए यह फैसला किया। डेढ़ साल पहले एक अप्रैल 2018 को पिछली भाजपा सरकार ने स्टेट हाईवे को निजी वाहनों के लिए टोल फ्री कर दिया था।
इस फैसले पर नागौर सांसद और आरएलपी के सयोजक हनुमान बेनीवाल ने सोशल मीडिया के जरिए गहलोत सरकार पर निशाना साधा। बेनीवाल ने कहा कि राज्य राजमार्गो पर निजी वाहनों को पुनः टोल टैक्स के दायरे में लाने का निर्णय जन विरोधी है। राजस्थान सरकार इस प्रकार के निर्णय से जनता की भावनाओं के साथ खेल रही है, जिसे बर्दास्त नही किया जाएगा। बेनीवाल ने कहा कि किसान हुंकार रैलियों में राज्य को सम्पूर्ण टोल मुक्त करना हमारा प्रमुख एजेंडा था, जिसमें तत्कालीन सरकार ने स्टेट हाइवे पर प्राइवेट वाहनों को टोल मुक्त करके कुछ राहत दी। वर्तमान राज्य सरकार इस जन विरोधी निर्णय को वापस नही लेती है तो इस मामले में बड़ा आंदोलन किया जाएगा। जब वाहन टैक्स देते हैं तो फिर टोल टैक्स क्यों?
माना जा रहा है कि टोल फ्री होने से सरकार पर प्रति वर्ष करीब 300 करोड़ रुपए का भार आ रहा था। बुधवार को चीफ सेक्रेटरी स्तर से कैबिनेट आज्ञा जारी हो गई। अब नोटिफिकेशन जारी होते ही फैसला लागू हो जाएगा। नई दरें भी तभी तय होंगी। इससे पहले निजी वाहनों से 40 से 65 रुपए तक टोल वसूला जाता था। स्टेट हाईवे को टाेलफ्री करने के लिए दाेबारा जनअांदाेलन का खतरा है। ऐसा हुआ तो निकाय चुनाव में नतीजों पर भी असर पड़ सकता है। इसके अलावा लोगों और टोलकर्मियों के बीच विवाद भी बढ़ सकता है। राजस्थान भाजपा की ओर से कहा गया है कि प्रदेश में टाेल माफ करने के लिए कई अांदाेलन हुए थे। भाजपा सरकार ने जनता की भावनाअाें का ध्यान रखते हुए निजी वाहनाें काे टाेल मुक्त किया था। कांग्रेस सरकार ने इस फैसले काे पलटकर जनता के साथ विश्वासघात किया है।
Published on:
31 Oct 2019 03:52 pm
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