
जयपुर। जनता ने चुनाव के नतीजों में इस बार तीसरे मोर्चे को भी ताकत दी है और चार अन्य दलों ने प्रदेश की 199 सीटों में से 12 पर कब्जा कर लिया। हालांकि तीसरे मोर्चें के कई दलों को विफलता भी हाथ लगी है, लेकिन इस परिणाम से प्रदेश में मजबूत तीसरे मोर्चे की शुरुआत मानी जा रही है।
तीसरा मोर्चा आने वाले लोकसभा चुनाव में बड़े दलों का राजनीतिक गणित बिगाड़ सकता है। इस बार बसपा 6 सीटें लेकर तीसरे मोर्चे की पार्टियों में सबसे मजबूत पार्टी बनकर उभरी है तो हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने तीन सीटें हासिल की हैं। हालांकि बेनीवाल का 20 सीटें जीतने का दावा फेल हो गया। लेकिन केवल 20 दिन में आठ लाख से भी ज्यादा वोट हासिल करने वाली बेनीवाल की पार्टी ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों के वोट बैंक को जबरदस्त तरीके से तोड़ने का काम किया है।
माकपा दो व राष्ट्रीय लोकदल एक सीट जीतने में कामयाब रहे हैं। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का यह पहला चुनाव था और तीन सीटें निकालीं। इसमें कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है। पार्टी ने 57 उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा था। वहीं बसपा वापस 2008 की स्थिति में है। माकपा ने प्रदेश की 28 सीटों पर चुनाव लड़ा था,जिसमें से दो को सफलता मिली।
ये दल पहुंचे हाशिये पर
राज्य में दिल्ली का मॉडल पेश कर जगह बनाने की कोशिश कर रही आम आदमी पार्टी ने 180 विस सीटों पर प्रत्याशी उतारे, लेकिन एक भी प्रत्याशी जमानत नहीं बचा पाया। प्रचार के दौरान ही पार्टी के बड़े नेताओं ने प्रचार से भी दूरी बना ली थी। संयोजक अरविंद केजरीवाल की एक सभा ही हुई।
प्रचार के अंतिम दिनों में पंजाब से सटे जिलों में सांसद भगवंत मान और राजधानी में सांसद संजय सिंह जरूर सक्रि य रहे। भारत वाहिनी पार्टी 63 सीटों पर चुनाव लड़ी, लेकिन पार्टी के खाते में एक भी सीट नहीं आई। प्रदेश अध्यक्ष और सांगानेर से प्रत्याशी घनश्याम तिवाड़ी की करारी हार हुई।
कहां कौन जीता
बसपा: 6 (नदबई, भरतपुर नगर, करौली, तिजारा, किशनगढ बास, उदयपुरवाटी)
माकपा: 2 (डूंगरगढ़, भादरा )
रालोपा: 3 (खींवसर, मेड़ता, भोपालगढ़ )
राष्ट्रीय लोकदल: 1 (भरतपुर)
राज्य की जनता को विकल्प देने के लिए यह पार्टी बनाई है। पार्टी सभी के सहयोग से आगे बढ़ेगी। मैं किसी दल में नहीं जा रहा हूं।
घनश्याम तिवाड़ी, प्रदेश अध्यक्ष भारत वाहिनी पार्टी
हम जनता का विकल्प नहीं बना पाए। ग्रामीण इलाकों में हम ठीक से पहुंचने में कामयाब नहीं हुए और दिल्ली के नेताओं ने राजस्थान में प्रचार के लिए कम समय दिया।
देवेंद्र शास्त्री, आप समन्वयक, राजस्थान
Updated on:
13 Dec 2018 10:54 am
Published on:
13 Dec 2018 10:52 am
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
