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राजस्थान के इस शाही महल में आज भी भटकती है आत्मा, ड्यूटी पर गार्ड के साेने पर पड़ता है थप्पड़

जयपुर। दुनिया में कई ऐसी जगह हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि यहां भूत रहते हैं। भारत में भी एेसी कर्इ जगह हैं। इनमें से ही एक है ब्रजराज भवन पैलेस।

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Brijraj Bhawan Palace

जयपुर। दुनियाभर में कई ऐसी जगह हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि यहां भूताें का बसेरा है। भारत में भी एेसी कर्इ जगह हैं। इनमें से ही एक है राजस्थान के कोटा शहर में स्थित ब्रजराज भवन पैलेस।

कहा जाता है कि इस शाही पैलेस में कोई भी सिक्योरिटी गार्ड ड्यूटी के दौरान सोने की गलती नहीं करता। लोग बताते हैं कि इस हैरिटेज होटल में रात में ड्यूटी पर तैनात कोई सिक्योरिटी गार्ड सोता है तो उसे जोरदार थप्पड़ पड़ता है।

थप्पड़ इतना जोरदार होता है कि वह जिंदगी भर उसे भूल नहीं पाता। ऐसे में गार्ड सोने कि सोचता भी नहीं है और चुपचाप अपनी ड्यूटी करता है, लेकिन ये बड़ी बात नहीं है। बड़ी बात ये है कि थप्पड़ मारने वाले शख्स को आज तक किसी ने नहीं देखा।

सोने की कोशिश करने वाले सिक्योरिटी गार्ड को थप्पड़ मारने की घटनाओं को लेकर अलग-अलग बातें सुनने को मिलती हैं। कुछ लोग कहते हैं कि इस होटल में ब्रिटिश मेजर की आत्मा भटकती है। यह आत्मा किसी को नुकसान नहीं पहुंचाती, बल्कि पैलेस की निगरानी करती है।

इसलिए यहां ड्यूटी पर सोने की कोशिश करने वाले वॉचमन को ये आत्मा थप्पड़ जड़ देती है और सोने नहीं देती। लोग बताते हैं कि 1857 में हुए गदर के दौरान इस पैलेस में एक ब्रिटिश रेजिडेंट मेजर चार्ल्स बुर्टन रहता था जो लड़ाई में मारा गया और तभी से उसकी आत्मा यहां भटक रही है।

कुछ लोगों का कहना है कि इस होटल में कोई सुपर नेचुरल पावर है, जो इस भवन की रक्षा करता है और यदि कोई व्यक्ति यहां की सुरक्षा में कोताही बरतते हुए सोने की बात तो छोड़िए झपकी लेने की भी कोशिश करता है तो सुपर नेचुरल पावर उसे सजा देती है।

फिलहाल इस शाही पैलेस को एक हैरिटेज होटल में तब्दील कर दिया गया है और तमाम टूरिस्ट इस घटना को महसूस करने के लिए इस होटल में ठहरने और देखने आते हैं।

कहा जाता है कि ब्रिटिश रेजिडेंट मेजर चार्ल्स बर्टन कड़ाई से डिसिप्लिन फॉलो करता था। उसे रात में सिग रेट पीकर टाइम पास करने वाले और ड्यूटी करने वालों की नींद से सख्त परहेज था। इसलिए अब उसका भूत उसे सिगरेट पीने और ड्यूटी पर गार्ड को सोने नहीं देता।

इस पुराने भवन को वर्ष 1980 में ऐतिहासिक होटल घोषित कर दिया गया, लेकिन यहां पहुंचने वाले को यह भवन एक भुतहा अनुभव का अहसास आज भी कराता है। कहा जाता है कि कोटा की पूर्व महारानी ने 1980 में मेजर की आत्मा को इसी हॉल में देखा था जहां उसे मारा गया था।