
फोटो: दिनेश डाबी पत्रिका
Jaipur Weather News: गुलाबी शहर सोमवार रात फिर से पानी-पानी हो गया, लेकिन जिम्मेदार तंत्र हमेशा की तरह कागजों में ही तैरता नजर आया। रातभर बरसी बारिश ने मंगलवार सुबह शहर को तालाब बना दिया,कच्ची बस्तियों से लेकर मुख्य सड़कों तक हर तरफ गंदा पानी, मिट्टी और अफरा-तफरी का आलम रहा। अफसरों की तैयारी और संसाधन बारिश की तेज धार में बह गए, जबकि जनता जलभराव, जाम और टूटी सड़कों से जूझती रही। दरअसल सोमवार रात से शुरू हुआ तेज बारिश का दौर मंगलवार सुबह तक चलता रहा। सुबह 8 बजे तक जयपुर में 88 मिलीमीटर (यानी 3.52 इंच) बारिश दर्ज की गई।
सुबह के समय शहर के कई हिस्सों में फिर बारिश हुई। प्रमुख सड़कों पर सुबह-शाम पीक आवर्स में जाम की स्थिति बनी रही। कच्ची बस्तियों से लेकर बाहरी इलाकों तक जलभराव ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी। मदद की गुहार उठी, मगर संसाधन कम पड़ते दिखे। घाटगेट में एक मकान की चारदीवारी ढह गई, वहीं लाल डूंगरी में पहाड़ी से पानी एक बार फिर नीचे आ गया। जलमहल की मोरी से बहा पानी दिल्ली रोड तक पहुंचा। मुहाना मंडी में भी जलभराव से व्यापारियों को मुश्किलें झेलनी पड़ीं।
घाटगेट स्थित कब्रिस्तान की चारदीवारी से सटे एक जर्जर मकान का हिस्सा ढह गया। गनीमत रही कि हादसे के समय अंदर कोई मौजूद नहीं था। कब्रिस्तान कमेटी के अध्यक्ष रफीक गारनेट ने चारदीवारी के पुनर्निर्माण की मांग की है।
सोमवार रात की बारिश से जलमहल ओवरफ्लो हो गया। सुबह बंध गेट सहायक अभियंता कार्यालय के पास मोरी से पानी सड़क पर बहने लगा। आमेर रोड पर एक फीट तक पानी भर गया। मोरी से निकला पानी लगभग एक किलोमीटर दूर तक कॉलोनियों में घुस गया। नतीजा यह रहा कि पूरे इलाके में शाम तक अफरा-तफरी मची रही और वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
लगातार बारिश को देखते हुए जयपुर जिला कलक्टर जितेंद्र सोनी टीम के साथ शहर के दौरे पर निकले। उन्होंने बताया कि किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन की ओर से स्थापित बाढ़ नियंत्रण कक्ष से तुरंत संपर्क किया जा सकता है। इस कक्ष के दूरभाष नंबर 0141-2204475 और 0141-2204476 हैं, जहां 24 घंटे संपर्क किया जा सकता है।
सोमवार रात की बारिश से आमेर क्षेत्र में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि घरों में पानी घुसने से सामान खराब हो गया।
प्रशासन से गुहार है कि कच्ची बस्ती के लोगों की सुध ली जाए। यहां मड पंप की संख्या और बढ़ाने की आवश्यकता है।
हैरिटेज निगम से लेकर कलक्ट्रेट तक फोन करने के बाद करीब ढाई घंटे बाद एक जेसीबी आई। आधा घंटा काम करके चली गई। फिर दोपहर 2 बजे दूसरी जेसीबी पहुंची।
पिछले चार दिन से कॉलोनी में पानी भरा है। बाहर निकलने तक का रास्ता नहीं है।
Updated on:
03 Sept 2025 03:01 pm
Published on:
03 Sept 2025 12:13 pm
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