विभाग में शीघ्र ही लगभग 1300 चिकित्सकों, 120 दंत चिकित्सकों, 1800 फार्मासिस्ट, 1534 लैब सहायकों, 1867 एएनएम एवं 175 नेत्र सहायकों की भर्ती की जायेगी। भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना, आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र योजना, इंटीग्रेटेड एम्बुलेंस जीवन वाहिनी सेवा, पीसीपीएनडीटी एक्ट की प्रभावी पालना, डाॅटर्स आर प्रीसियस जनजागरूकता अभियान एवं मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी विभिन्न अभिनव योजनाएं संचालित कर समाज के सभी वर्गों को लाभान्वित किया जा रहा है।
सराफ ने कहा कि एक करोड़ परिवारों को इन्डोर उपचार के दौरान 30 हजार से 3 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान कर कैशलेस उपचार की सुविधा उपलब्ध करवायी जा रही है।
योजना के तहत गंभीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों की एंजियोप्लास्टी, हार्ट बाईपास, हार्ट सर्जरी, बे्रन सर्जरी, स्पाइनल सर्जरी एवं प्लास्टिक सर्जरी भी की जा रही है। यह कैषलेस उपचार की सुविधा 501 राजकीय चिकित्सा संस्थानों एवं सूचीबद्ध 778 निजी चिकित्सालयों के माध्यम से प्रदान की जा रही है।
सराफ ने बताया कि विगत् 4 वर्षों में 5334 नियमित चिकित्सा अधिकारी एवं 80 नियमित दन्त चिकित्सा अधिकारी को नियुक्ति दी गई। साथ ही 20 हजार 82 नर्सिंगकर्मियों व पैरामेडिकल स्टाॅफ की भर्ती प्रक्रिया लगभग पूर्ण कर ली गयी है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न संवर्गों के 8 हजार 464 नर्सिंगकर्मियों की पदौन्नति की जा चुकी है। ’राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिषन के अंतर्गत वर्ष 2015 से माह अक्टूबर 2017 तक विभिन्न संवर्ग के 6 हजार 831 नवीन संविदा आधारित रिक्त पदों पर नियुक्तियां दी गयी है। 295 पीएचसी को आदर्श पीएचसी एवं वेलनेस सेन्टर के रूप में विकसित किया गया है।
द्वितीय चरण के प्रथम फेज में चयनित 286 पीएचसी को 11 जुलाई 2017 को आदर्ष पीएचसी के रूप में प्रारंभ किया गया। द्वितीय फेज में 314 पीएचसी हेतु कार्यवाही की जा रही है। उ राजस्थान की शिशु मृत्युदर एसआरएस 2012 की रिपोर्ट के अनुसार 49 थी। एसआरएस 2013 में षिषु मृत्युदर 47 थी।
द्वितीय चरण के प्रथम फेज में चयनित 286 पीएचसी को 11 जुलाई 2017 को आदर्ष पीएचसी के रूप में प्रारंभ किया गया। द्वितीय फेज में 314 पीएचसी हेतु कार्यवाही की जा रही है। उ राजस्थान की शिशु मृत्युदर एसआरएस 2012 की रिपोर्ट के अनुसार 49 थी। एसआरएस 2013 में षिषु मृत्युदर 47 थी।
एसआरएस 2014 में 46 एवं एसआरएस 2015 में यह 43 थी। नवीनतम एसआरएस (सेम्पल रजिस्ट्रेषन सर्वे) 2016 के अनुसार इसमें 2 अंकों की गिरावट के बाद अब यह 41 रह गयी है। फेसिलिटी बेस्ड न्यूबाॅर्न केयर के तहत् वर्ष 2013 में 36 स्पेषल न्यूबाॅर्न केयर यूनिट थे, जिन्हें बढ़ाकर अब 53 कर दिया गया है।
वर्ष 2013 में मात्र 1201 डिलीवरी पाॅवइन्ट पर न्यूबोर्न केयर काॅर्नर संचालित थे, जबकि अब 2065 डिलीवरी पाइंट् पर न्यूबोर्न केयर कार्नर संचालित हैं। निःशुल्क दवा व जांच योजना चिकित्सा मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना के अन्तर्गत 13 दिसम्बर 2013 से अब तक 34 करोड़ 33 लाख से अधिक रोगियों को लाभान्वित किया गया है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना के अन्तर्गत प्रतिदिन लगभग 1 लाख निःशुल्क जांचे की जा रही है एवं 13 दिसम्बर 2013 से अक्टूबर 2017 तक 15 करोड़ 90 लाख 23 हजार 653 निःशुल्क जांचे कर लगभग सवा 8 करोड़ मरीजों को लाभान्वित किया गया है। 115 ब्लडबैंक संचालित सराफ ने बताया कि वर्तमान में कुल 115 ब्लडबैंक एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रक्त की उपलब्धता हेतु एनएचएम के तहत 110 ब्लड स्टोरेज सेंटर संचालित किये जा रहे हैं।
वर्ष 2017 में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जयन्ती एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय जयंती पर आयोजित शिविरों में 45 हजार से अधिक युवाओं ने रक्तदान का संकल्प लिया एवं 17 हजार युवाओं ने रक्तदान किया। गत् 3 वर्षों में 1 लाख 27 हजार संकल्प पत्र भरे गये व कुल 35 हजार 600 यूनिट रक्तदान हुआ। 34 एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में 34 एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम से सुसज्जित एम्बुलेंस उपलब्ध करवायी गयी है।
राज्य सरकार द्वारा संचालित चार सेवाओं- 108 एम्बुलेंस सेवा, 104 जननी एक्सप्रेस सेवा,बेस एम्बुलेंस सेवा तथा 104 चिकित्सा परामर्ष सेवा का समन्वय कर 15 अगस्त 2016 से इंटीग्रेटेड एम्बुलेंस योजना प्रारंभ की गयी है। इसमें कुल 1492 एम्बुलेंस संचालित की जा रही हैं। अक्टूबर 2017 तक इस योजना के अन्तर्गत कुल 12 लाख 72 हजार 422 काॅलर्स को परामर्श सेवायें प्रदान कीे जा चुकी हैं।
7 नये मदर मिल्क बैंक होंगे स्थापित सराफ ने बताया कि नवजात शिशुओं को दूध के लिए 10 जिला अस्पतालों ब्यावर, अलवर,बांसवाडा, बांरा, भीलवाडा, भरतपुर, बून्दी, चितौडगढ, चूरू, टोंक में एवं उदयपुर के आरएनटी मेडिकल काॅलेज के जनाना अस्पताल में ‘‘आंचल‘‘मदर मिल्क बैंक संचालित की जा रही है व 7 नये मदर मिल्क बैंक प्रांरभ करना प्रस्तावित है।
आंचल‘ दिव्य मदर मिल्क बैंक’ में 10 हजार 715 माताओं’ ने 19 हजार 830 बार कुल 21 लाख 99 हजार 549 मिलीलीटर दुग्ध दान स्वरुप प्रदान किया है। इस संकलित दुग्धदान से एनआईसीयू में भर्ती 7 हजार 513 नवजात शिशुओं को लाभ मिला है।