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Rajasthan: छात्रसंघ चुनाव पर हाईकोर्ट में टली सुनवाई, जस्टिस समीर जैन ही करेंगे सुनवाई; जानें क्यों

Rajasthan News: राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव को बहाल करने के मामले में आज शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई टल गई। इस मामले में जस्टिस समीर जैन सुनवाई कर रहे हैं।

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student union election in Rajasthan

फोटो- पत्रिका नेटवर्क

Rajasthan News: राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव को बहाल करने के मामले में आज शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई टल गई। इस मामले में जस्टिस समीर जैन सुनवाई कर रहे हैं, लेकिन उनकी अनुपस्थिति के कारण आज जस्टिस अनूप कुमार ढांड ने मामले को सुना। जस्टिस ढांड ने सुनवाई के लिए नई तारीख 3 सितंबर 2025 तय की है। इस मामले में याचिकाकर्ता राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र जय राव ने सरकार के चुनाव पर रोक के फैसले को चुनौती दी है।

याचिका पर सरकार का पक्ष

बता दें, याचिकाकर्ता की ओर से वकील शांतनु पारीक पैरवी कर रहे हैं। उन्होंने कोर्ट में दलील दी कि राज्य सरकार ने छात्रसंघ चुनाव पर रोक लगाने के लिए लिंगदोह समिति की सिफारिशों और नई शिक्षा नीति 2020 का हवाला दिया है। सरकार ने अपने जवाब में कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत 90 कक्षाओं का आयोजन अनिवार्य है, जिसके कारण इस वर्ष चुनाव करवाना संभव नहीं है। साथ ही, सरकार ने लिंगदोह समिति की सिफारिशों का पालन करने में असमर्थता जताई।

याचिकाकर्ता की आपत्तियां

याचिकाकर्ता के वकील शांतनु पारीक ने सरकार के इस जवाब पर कड़ा ऐतराज जताया। उन्होंने कोर्ट में तर्क दिया कि नई शिक्षा नीति 2020 में लागू हुई थी और इसके बावजूद 2022 में छात्रसंघ चुनाव आयोजित किए गए थे। ऐसे में सरकार का यह तर्क कि एनईपी के कारण चुनाव नहीं हो सकते, तर्कसंगत नहीं है।

उन्होंने यह भी कहा कि 90 कक्षाओं का आयोजन न हो पाने की स्थिति में जिम्मेदारी प्रशासन की है, न कि छात्रों की। वकील ने दलील दी कि अगर शैक्षणिक सत्र पिछड़ रहा है, तो यह विश्वविद्यालय प्रशासन की नाकामी को दर्शाता है, जिसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है।

सरकार को देना होगा जवाब

याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट में रिजॉइंडर दाखिल किया गया है, जिसमें सरकार के जवाब के खिलाफ 10 आपत्तियां उठाई गई हैं। इन आपत्तियों में सरकार के तर्कों की कमियों को उजागर किया गया है। कोर्ट ने आज सुनवाई टालते हुए सरकार को इन 10 आपत्तियों पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई में इन बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा होने की संभावना है।