
राजस्थान विधानसभा (फोटो-पत्रिका)
जयपुर। विधानसभा के एक सितंबर से शुरू हो रहे सत्र को लेकर गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, लेकिन इसमें सिर्फ सत्ता पक्ष ही पहुंचा। कांग्रेस ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। बसपा और आरएलडी विधायकों ने निजी कारण बताकर बैठक में आने पर असमर्थता जता दी। बीएपी का भी कोई प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल नहीं हुआ।
बैठक में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल और सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग शामिल हुए। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, प्रतिपक्ष के मुख्य सचेतक रफीक खान, बसपा के मनोज कुमार न्यांगली, भारत आदिवासी पार्टी के थावर चन्द और आरएलडी के सुभाष गर्ग बैठक में शामिल नहीं हुए।
सुभाष गर्ग ने कहा कि वे राज्य से बाहर हैं और मनोज ने स्वास्थ्य ठीक नहीं होने का हवाला दिया। थावर चंद ने भी किसी अन्य बैठक में व्यस्त होने की बात कही। करीब पौन घंटे चली बैठक की फोटो भी जारी नहीं की गई।
सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि बैठक की तारीख जूली से पूछ कर ही तय की गई थी। अचानक उन्होंने सूचना दी कि वे और उनके सचेतक नहीं आएंगे। ऐसा करना मैदान छोड़ने वाली बात हुई। डोटासरा वर्सेज जूली की वजह से यह सब कुछ हो रहा है। इधर, संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि जूली डोटासरा के दबाव में अनुपस्थित रहे। कांग्रेस के नेता विधानसभा से दूर भागना चाहते हैं। कांग्रेस के नेता विकास से घबरा गए हैं।
जूली ने कहा कि विधानसभा में कई घटनाक्रम ऐसे हुए जो एकपक्षीय रहे। विधायक नरेन्द्र बुढ़ानिया को विशेषाधिकार समिति का अध्यक्ष बनाया, परन्तु हटा दिया गया। सरकार की एक विधायक ने कहा कि सीएम के गृह जिले में प्रधानों को हटाकर भाजपा के प्रधान बनाए हैं। विपक्ष की आवाज नहीं सुनी जा रही। इस कारण सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किया है। सदन की पहले दिन की बैठक में भाग लेंगे। दो सितंबर को हमारे विधायक दल की बैठक है। वहां निर्णय लिया जाएगा।
Published on:
29 Aug 2025 09:22 am
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