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प्रधान ने 8 दिन पहले संभाला कार्यभार… फिर निलंबित, डोटासरा बोले- ‘जो बात MLA नोक्षम चौधरी ने कही… ‘

लाडपुरा पंचायत समिति के प्रधान को राजस्थान सरकार ने निलम्बित कर दिया है।

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Ladpura Pradhan suspension

Photo- Patrika Network

Rajasthan Politics: कोटा जिले की लाडपुरा पंचायत समिति के प्रधान को राजस्थान सरकार ने निलम्बित कर दिया है। गौरतलब है कि उच्च न्यायालय के आदेश पर गुड्डू को हाल ही बहाल किया गया था, उन्होंने पिछले सप्ताह ही कार्यभार संभाला था। जिले लेकर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि- 'राजनीतिक दुर्भावना से कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों को निशाना बनाने की जो बात कामां विधायक नोक्षम चौधरी ने कही, भाजपा सरकार ने 24 घंटे में उसे दोहराते हुए लोकतंत्र का गला घोंट दिया।'

डोटासरा ने लिखा कि 'पंचायत समिति लाडपुरा (कोटा) के प्रधान नईमुद्दीन गुड्डु को 6 महीने की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद न्यायालय से न्याय मिला और पुनः अपने पद बहाली हुई। 20 अगस्त को उनकी बहाली हुई लेकिन सत्ता के नशे में चूर भाजपा सरकार ने सिर्फ 8 दिन बाद ही फिर से उन्हें निलंबित कर दिया।

कहां है लोकतंत्र?- डोटासरा

सिर्फ 8 दिन में ही भाजपा सरकार ने मनगढ़ंत आरोप लगा दिया। 8 दिन में जांच भी कर ली और निष्कर्ष भी निकाल कर निलंबन का आदेश भी सुना दिया। कहां है लोकतंत्र? यह पूरी तरह से संवैधानिक मूल्यों की हत्या है। यह साफ दर्शाता है कि भाजपा को ना संविधान की परवाह है, ना ही न्यायपालिका की। भाजपा सरकार लोकतांत्रिक मर्यादाओं को रौंदकर मनमानी पर उतारू है।

आरोप पत्र जारी

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त आयुक्त व शासन उप सचिव की ओर से जारी आदेश के तहत सरकार को लाडपुरा प्रधान नईमुद्दीन गुड्डू के खिलाफ नियमों के विपरीत कार्य करवाने के संबंध में जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। जांच रिपोर्ट में नईमुद्दीन गुड्डू को दोषी पाया गया। प्रधान का कृत्य राजस्थान पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 38 के तहत कर्तव्यों के निर्वहन में अवचार एवं अपकीर्तिकर आचरण का दोषी होने की श्रेणी का माना गया।

इस संबंध में प्रधान को आरोप पत्र भी जारी किया गया। निलम्बन काल में पंचायत समिति के किसी कार्य एवं कार्यवाही में भाग नहीं ले सकेंगे। गौरतलब है कि प्रधान गुड्डू के खिलाफ पंचायत समिति की 12 ग्राम पंचायतों में सफाई के ठेके की अनियमितता का आरोप था।