19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सावरकर की तारीफ करना डोटासरा को पड़ा भारी, आलाकमान ने मांगी रिपोर्ट

-डोटासरा के बयान का वीडियो तलब किया है आलाकमान ने, पूरा वीडियो देखने के बाद ही डोटासरा पर कोई फैसला लेगा आलाकमान

2 min read
Google source verification
govind singh dotasara

govind singh dotasara

फिरोज सैफी/जयपुर।

अगस्त क्रांति के मौके पर सोमवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में वीर सावरकर की तारीफ करना प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को भारी पड़ गया है। कांग्रेस आलाकमान ने डोटासरा के बयान को लेकर रिपोर्ट तलब की है। साथ ही प्रदेश कांग्रेस में दिए गए भाषण का पूरा वीडियो भी तलब किया है। पूरा वीडियो देखने के बाद ही कांग्रेस आलाकमान किसी निष्कर्ष पर पहुंच कर फैसला लेगा।

वीडियो सही पाया गया तो कार्रवाई संभव
सूत्रों की माने तो प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की ओर से सावरकर को स्वतंत्रता सेनानी बताने और सावरकर की हिंदू राष्ट्र की विचारधारा को सही ठहराने के के बयान से कांग्रेस आलाकमान बेहद नाराज है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस मामले में संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल को तलब करके डोटासरा के बयान की रिपोर्ट मांगी है।

बताया जा रहा है कि डोटासरा के भाषण का पूरा वीडियो देखने के बाद ही आलाकमान कोई फैसला लेगा, चर्चा यह भी है कि अगर वीडियो सही पाया गया गोविंद सिंह डोटासरा पर कार्रवाई की जा सकती है। फिलहाल सोशल मीडिया पर डोटासरा के भाषण के जो वीडियो चल रहे हैं वह एक से डेढ़ मिनट के हैं जिससे स्थिति साफ नहीं हो पा रही है।

इसके लिए कांग्रेस आलाकमान ने भाषण का पूरा वीडियो तलब किया है। गौरतलब है कि डोटासरा की ओर से दिए गए बयान पर कांग्रेस में ही उनका अंदर खाने विरोध शुरू हो गया है। कांग्रेस के कई नेताओं ने अंदर खाने उनके इस बयान की आलोचना की है।

ये कहा था डोटासरा ने
दरअसल सोमवार को अगस्त क्रांति के मौके पर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित एक संगोष्ठी में भाषण देते हुए पीसीसी चीफ डोटासरा ने कहा था कि संघ के भी एक-दो लोग आजादी की जंग में शामिल थे। सावरकर की आजादी से पहले हिंदू राष्ट्र की मांग को गलत नहीं कहा जा सकता, लेकिन देश आजाद होने के बाद लोकतांत्रिक व्यवस्था और संविधान लागू होने के बाद सावरकर की हिंदू राष्ट्र की मांग जायज नहीं थी।