
Court News: हाईकोर्ट ने फर्जी मार्कशीट से नौकरी में आए कांस्टेबल को 38 साल के बेदाग सेवा रिकॉर्ड के कारण माफ कर दिया। कोर्ट ने सेवानिवृत्ति के दो साल बाद याचिकाकर्ता को सेवा से बर्खास्त करने के पुलिस अधीक्षक के आदेश को निरस्त कर दिया, लेकिन उससे वसूली का आदेश बरकरार रखा। न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर यह आदेश दिया।
ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक ने याचिकाकर्ता श्रीगंगानगर जिले के पृथ्वीराज को सेवा से हटाने के साथ ही सेवानिवृत्ति तिथि के बाद दिए वेतन-भत्ते की वसूली का आदेश दिया। याचिकाकर्ता 1982 में कांस्टेबल नियुक्त हुआ और 2013 में फर्जी मार्कशीट से नौकरी पाने को लेकर आरोप पत्र दिया गया। वर्ष 2020 में इस मामले में दंडित किया गया, लेकिन वह 2018 में ही सेवानिवृत्तहो गया। याचिकाकर्ता की ओर से कहा कि उसे दी गई सजा ज्यादा थी। याचिकाकर्ता विभाग में सबसे निचले पद पर कार्यरत था और पूरे सेवाकाल में उसे कोई सजा नहीं दी गई। याचिकाकर्ता ने बेदाग सेवा रिकॉर्ड के आधार पर सजा कम करने का आग्रह किया।
इस पर कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने लंबे समय तक अत्यंत उत्साह के साथ काम किया। इसलिए उसे दी गई सजा अत्यधिक थी। इस आधार पर याचिकाकर्ता को सेवा से हटाने का आदेश खारिज कर दिया, जबकि सेवानिवृत्ति के बाद वेतन-भत्ते के रूप में दी गई राशि सरकारी खजाने में जमा करने का आदेश दिया।
Published on:
22 Nov 2024 09:07 am
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
