27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जिया को सरकारी मदद ना मिलने से हाईकोर्ट नाराज, जताई बार-बैंच से उम्मीद

बाल वाहिनी दुर्घटना में दाहिना हाथ गंवाने वाली मासूम जिया को पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने से सरकार के इनकार पर राजस्थान हाईकोर्ट ने गहरा क्षोभ व्यक्त किया है।

2 min read
Google source verification

image

Nidhi Mishra

Feb 25, 2016

बाल वाहिनी दुर्घटना में दाहिना हाथ गंवाने वाली मासूम जिया को पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने से सरकार के इनकार पर राजस्थान हाईकोर्ट ने गहरा क्षोभ व्यक्त किया है।

वरिष्ठ न्यायाधीश गोविन्द माथुर व न्यायाधीश निर्मलजीत कौर की खण्डपीठ ने बुधवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता डॉ. पुष्पेन्द्रसिंह भाटी से कहा कि एक दिन में स्पष्ट जवाब पेश कर बताएं कि सरकार जिया को पांच लाख रुपए की सहायता देगी अथवा नहीं। खण्डपीठ ने कहा, अन्यथा बार एसोसिएशन और न्यायाधीशों से उम्मीद की जाएगी कि वे मानवता दिखाते हुए जिया की आर्थिक मदद को आगे आएं।

स्व-प्रेरणा से लिया था प्रसंज्ञान
बाल वाहिनियों के नियम विरुद्ध छात्रों का परिवहन करने और निर्धारित से अधिक गति से बसों को दौड़ाते हुए दुर्घटनाग्रस्त होने पर खण्डपीठ ने पिछले माह स्व-प्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर जनहित याचिका दर्ज की थी। इसके तहत जिला व पुलिस प्रशासन को शहर की बदहाल यातायात व्यवस्था सुधारने व सड़कों पर किए जाने वाले अतिक्रमण को हटाए जाने के आदेश दिए थे।

प्रशासन की पालना रिपोर्ट पर जताया असंतोष
हाईकोर्ट ने प्रशासन की ओर से पेश पालना रिपोर्ट पर असंतोष जताया और कहा, शहर के प्रमुख चौराहों पर यातायात व्यवस्था में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ। हाईकोर्ट ने नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों के खिलाफ सख्ती करने के निर्देश दिए।

जोधपुर विकास प्राधिकरण, नगर निगम, यातायात पुलिस सहित जिला प्रशासन ने हाईकोर्ट में पेश रिपोर्ट में बताया कि शहर की यातायात व पार्किंग व्यवस्था सुधारने के लिए सात प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे। इन पर एक करोड़ 37 लाख रुपए खर्च होंगे।

पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया था मुद्दा
जिया को मुख्यमंत्री सहायता कोष से पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने की जिला प्रशासन की अनुशंसा को राज्य सरकार ने ठुकरा दिया था। राजस्थान पत्रिका ने बुधवार के अंक में 'जिया को सरकार ने दिया दर्द, नहीं मिलेंगे 5 लाख' शीर्षक से खबर प्रकाशित कर इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था।

उधर परिजनों ने ठुकराई सरकारी 'खैरात'
जिया के लिए सरकार की ओर से पांच लाख रुपए की सहायता देने से इनकार के बाद परिजनों ने प्रशासन की ओर से भेजी दस हजार रुपए की 'खैरात' ठुकरा दी। दुर्घटना के बाद जिला प्रशासन जिया को दस हजार रुपए सहायता देने की घोषणा कर भूल गया।

राजस्थान पत्रिका के 24 फरवरी के अंक में 'जिया को सरकार ने दिया दर्द, नहीं मिलेंगे 5 लाख' खबर प्रकाशित होने के बाद जिला प्रशासन ने बुधवार को जिया के परिजनों को दस हजार रुपए की सहायता राशि का चैक भेजा। लेकि न प्रशासन व सरकार की बेरुखी देखते हुए परिजनों ने चैक लेने से इनकार कर दिया।

जिया की मां उमा ने कहा, 'यदि सरकार को मदद करनी है तो पूरी करे। भगवान ने जिया को हाथ दिया और बाद में छीन लिया। सरकार ने भी मदद से इनकार कर दिया। मेरे व मेरे परिवार के साथ तो सब उल्टा ही हो रहा है।Ó जिया और उसकी मां बुधवार को जिला कलक्टर से मिलने कलेक्ट्रेट पहुंची, लेकिन मुलाकात नहीं हुई और दोनों निराश लौट आई।