वन विभाग ने वन क्षेत्र से चुनाई पत्थर का खनन व परिवहन करते टै्रक्टर व जेसीबी जब्त किए। इससे जनप्रतिनिधियों तक पहुंच रखने वाले वाहन मालिकों में हड़कम्प सा मच गया। विधायक और प्रधान खुद दो नदी स्थित नर्सरी परिसर पहुंच गए। विभाग ने वाहनों को नियमानुसार जुर्माना वसूल कर रिलीज किया।
उप वन संरक्षक शैलजा देवल गुरुवार देर शाम उदयपुर मार्ग से लौट रही थी। वागदरी के समीप पत्थरों से लदे ट्रैक्टर देखकर उन्हें रुकवाया। सूचना पर सहायक वन संरक्षक धनपतसिंह राठौड़, रेंजर बद्रीलाल परमार, वनपाल मोहम्मद इकबाल भी मौके पर पहुंचे। देवल खननस्थल की जानकारी लेकर वहां भी पहुंची। जीटी शीट से मिलान करने पर वह स्थल वन क्षेत्र में पाया। इस पर चार टै्रक्टर व जेसीबी मशीन को सीज कर दो नदी नर्सरी में रखवाए तथा खनन विभाग को भी सूचना दी।
मची खलबली
जब्तशुदा टै्रक्टर व जेसीबी मालिक प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से राजनीति से जुड़े हुए हैं। शुक्रवार सुबह वाहन मालिक व अन्य लोग भी नर्सरी पहुंच गए। सूचना पर विधायक देवेंद्र कटारा तथा प्रधान लक्ष्मण कोटेड़ भी आए। दोनों ने विभागीय अधिकारियों से चर्चा की। विभाग ने वाहन मालिक गोविन्द डोडियार, मरता डोडियार, मोहनलाल डामोर, धनपाल डोडियार, केशवलाल कटारा के खिलाफ राजस्थान वन अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया। जेसीबी के लिए 35 हजार तथा चारों ट्रैक्टर के लिए 10-10 हजार जुर्माना वसूल कर उन्हें रिलीज किया।
चारागाहों का ध्यान रखें पंचायतें
देवल ने बताया कि जिले में अब तक वन क्षेत्र में अवैध खनन नहीं होना ही बताया जा रहा है, लेकिन ऐसा नहीं है। अन्य स्थलों के साथ वन क्षेत्र में भी अवैध खनन के संकेत मिले हैं। विभाग इस पर सख्ती करेगा। अन्य महकमों को भी गंभीर होना होगा। उन्होंने बताया कि कई जगह अवैध खनन से चारागाह भूमि तक खराब हो गई है। ग्राम पंचायत अपने क्षेत्र के चारागाहों का ध्यान रखें। चारागाह समाप्त होने से वन क्षेत्र में अवैध चराई की समस्या बढ़ जाती है।