
जयपुर। स्थानीय अवकाशों के तहत सितम्बर माह में कई जिलों में अलग-अलग दिन अवकाश घोषित किए हुए हैं। इसी के तहत 10 सितम्बर का अवकाश भी बालाजी के भक्तों के लिए तय किया हुआ है।
अलवर जिले में 10 सितम्बर को पांडुपोल हनुमानजी का मेले का आयोजन है। जिला कलक्टर की ओर से 10 सितम्बर को पूरे अलवर जिले में स्कूलों व सरकारी दफ्तरों का अवकाश घोषित किया हुआ है।
क्या है पांडुपोल, जिसका लगता है हर वर्ष मेला
अलवर जिले के प्रमुख पर्यटन स्थलों में पांडुपोल का नाम आता है। यहां हर साल काफी संख्या में पर्यटक आते हैं। यह धार्मिक स्थान आस्था का केन्द्र है। यह अलवर-जयपुर मार्ग पर सरिस्का अभ्यारण्य क्षेत्र में स्थित है। यह अलवर शहर से करीब 55 किलोमीटर दूर है। इस मंदिर में आम दिनों में मंगलवार व शनिवार को भक्तों की भीड़ उमड़ती है।
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मंदिर निर्माण की ये हैं दो धार्मिक मान्यताएं
ऐसी धार्मिक मान्यता है महाभारत काल में जब पांडवों को अज्ञातवास हुआ था तो वे इस क्षेत्र में आए थे। तब भीम ने अपनी गदा से पहाड़ को तोड़ा और एक रास्ता बन गया। यही स्थान पांडुपोल के नाम से प्रसिद्ध है।
एक मान्यता यह भी है यही पर ही पांडव पुत्र भीम और हनुमानजी की मुलाकात हुई थी। उस दौरान हनुमानजी ने भीम का घमंड तोड़ा था। इस कारण भी यहां हनुमानजी की मान्यता रही है। यहां पर हनुमानजी का प्रसिद्ध मंदिर है। हनुमानजी यहां शयन अवस्था में विराजे हैं।
Updated on:
06 Sept 2024 09:11 pm
Published on:
06 Sept 2024 09:02 pm
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